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राजधानी भोपाल में ड्रग्स की अवैध फैक्ट्री के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है, इसने ड्रग्स तस्करी की दुनिया को हिलाकर रख दिया है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने भोपाल के जगदीशपुर इलाके में छापा मारकर 92 करोड़ रुपए की मेफेड्रोन ड्रग्स की बरामदगी की है। भोपाल ड्रग्स रैकेट का संचालन एक अंतरराष्ट्रीय तस्कर सलीम डोला की ओर से किया जा रहा था, जो तुर्किये से इस रैकेट को चला रहा था।
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सलीम डोला का डी कंपनी से संबंध
सलीम डोला का डी कंपनी से गहरा संबंध रहा है। वह कुख्यात गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची का भी पार्टनर था। सलीम डोला का नाम कई अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी रैकेट्स से जुड़ा हुआ है और उसकी गतिविधियों ने जांच एजेंसियों को कई सालों तक परेशान किया है।
मामले में 7 लोग गिरफ्तार
डीआरआई ने इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें प्रशांत थोरट, इदरीस, रज्जाक, अब्दुल फैसल कुरैशी, अंजली राजपूत, वीरन शाह और अशरफ रेन शामिल हैं। इनमें से रज्जाक विदिशा के गंज बासौदा का और अब्दुल फैसल कुरैशी अशोकनगर का निवासी है। इन सभी आरोपियों को डीआरआई ने मुंबई की विशेष अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया है। ये गिरफ्तारियां एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी रैकेट को उजागर करने का हिस्सा हैं, जो भोपाल में सक्रिय था।
ड्रग्स फैक्ट्री में बिजली कनेक्शन का उल्लंघन
भोपाल ड्रग्स केस जांच में यह भी सामने आया कि जिस घर में यह ड्रग्स फैक्ट्री चल रही थी। वहां नियमों का उल्लंघन करते हुए थ्री-फेस बिजली कनेक्शन लिया गया था। इस कनेक्शन का इस्तेमाल अवैध रूप से किया जा रहा था। डीआरआई ने इस मामले में दो बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। इन कर्मचारियों पर रिश्वत लेकर अवैध कनेक्शन देने का आरोप है। यह भी बताया गया कि इन कर्मचारियों की मदद से इस ड्रग्स फैक्ट्री को चलाने के लिए आवश्यक बिजली आपूर्ति की जा रही थी, जो अब तक अधिकारियों की नजरों से बची हुई थी।
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ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक से मिली बड़ी सफलता
भोपाल ड्रग्स नेटवर्क पर हुई कार्रवाई 'ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक' का हिस्सा थी, जिसे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में समन्वित रूप से अंजाम दिया गया था। ऑपरेशन का उद्देश्य मेफेड्रोन और अन्य ड्रग्स की तस्करी और उत्पादन पर अंकुश लगाना है। भोपाल में डीआरआई की ओर से पिछले एक साल में यह छठी कार्रवाई है।
मेफेड्रोन कितना खतरनाक?
मेफेड्रोन को क्रिस्टल या मॉली के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है, जो मानसिक और शारीरिक प्रभाव डालता है। यह ड्रग्स युवा वर्ग के बीच तेजी से फैलता जा रहा है और इसका सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि समाज में अपराध और हिंसा को भी बढ़ावा देता है। यह ड्रग्स समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन चुका है, क्योंकि इसके सेवन से युवाओं के भविष्य और जीवन पर विपरीत असर पड़ सकता है।
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