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परिवहन विभाग के करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई जारी है। ईडी ने कोर्ट में सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर के खिलाफ चार्जशीट पेश कर दिया है। ईडी ने चार्जशीट में सौरभ की मां-पत्नी समेत 12 लोगों को आरोपी बनाया हैं। साथ ही इसमें कई फर्म और डायरेक्टर भी शामिल हैं। ईडी ने बताया कि सौरभ ने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। साथ ही कार में बरामद किया 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश सौरभ का ही है। सौरभ शर्मा के खिलाफ इस मामले में 100.36 करोड़ रुपए की कुर्की और जब्ती की जा चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग से बनाई है संपत्ति
ईडी ने भोपाल के पूर्व आरटीओ कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट पेश किया है। इन लोगों ने अपनी अवैध गतिविधियों के माध्यम से करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की और उसे अपने रिश्तेदारों, सहयोगियों और कंपनियों के नाम पर रजिस्टर्ड कराया। ईडी ने चालान में 12 आरोपी बताए हैं। ईडी ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किए अपने चालान में सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या और उसके संस्थान और कंपनियों के डायरेक्टरों सहित 12 लोगों को आरोपी बनाया है। सौरभ की मां भी कोर्ट में पहुंची थी, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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ईडी का दावा: मनी लॉन्ड्रिंग से जुटाई गई संपत्ति
ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों ने अपनी संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अर्जित किया है। इस प्रक्रिया में ब्लैक मनी को व्हाइट किया गया, और कई कंपनियों और फर्मों के नाम पर संपत्ति खरीदी गई। इसके अलावा, आरोपियों के खिलाफ अवैध तरीके से अनसेफ लोन की व्यवस्था की गई थी।
कार में मिला 52 किलो गोल्ड और 11 करोड़ कैश सौरभ का
इतना ही नहीं ईडी ने चार्जशीट में यह लिखा है कि 19-20 दिसंबर की देर रात मेंडोरा के जंगलों में लावारिस हालत में मिली इनोवा कार से बरामद 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी सौरभ का है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के के तहत केस दर्ज कर संपत्तियों को कुर्क किया है। ईडी ने कोर्ट में पेश किए गए चार्जशीट में बताया है कि सौरभ और उसके राजदार किस तरह से काले धन को को सफेद करने के लिए कंपनियों का इस्तेमाल करते थे।
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मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से की बनाई संपत्ति
अधिवक्ता रजनीश बरया ने बताया कि हजार पन्नों की ईडी ने चार्जशीट में बताया है कि सौरभ शर्म और उसके सहयोगियों ने जो भी संपत्ति बनाई है, यह कमाई मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से की गई है। इसलिए इनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनता है। चार्जशीट में सौरभ के जीजा रोहित तिवारी, विनय हसवानी, प्यारेलाल केवट के साथ ही फर्मों में नाम शामिल अन्य लोग भी शामिल हैं। चार्जशीट में इन फर्मों के जरिए खरीदी गई प्रापर्टी और रजिस्ट्री को राजसात करने की बात भी शामिल है। अकेले एक ही फर्म में 15 से ज्यादा रजिस्ट्री हैं।
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बिना क्लेम वाली संपत्ति को जब्त किए जाने मांग
ईडी के अधिवक्ता हरीश मेहता ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि ईडी ने अपने चालान में सौरभ शर्मा की कई ऐसी संपत्तियों का उल्लेख किया है, जो न तो सौरभ ने अपनी होना स्वीकार किया है और न ही उसके किसी करीबी ने। इस तरह की सभी संपत्तियों को ईडी ने अदालत से राजसात करने की अनुमति देने की गुजारिश की है।
रिश्तेदारों के नाम पर बनाई गई संपत्ति
ईडी ने चालान में बताया कि सौरभ शर्मा ने अपने और रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है। ईडी ने इन सबके स्वामित्व और उनके द्वारा कंट्रोल की जाने वाली फर्मों, कंपनियों, सोसाइटी के नाम पर अर्जित 92.07 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को अंतिम रूप से कुर्क किया था। यह संपत्तियों को आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत कुर्क किया था।
संपत्ति और बैंक खातों की जब्ती
ईडी ने पहले भी सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों के यहां छापेमारी की थी, जिसके बाद 8.29 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस वाले खातों को फ्रीज कर दिया गया था। इसके साथ ही 2.50 करोड़ रुपए की कैश, 14.20 लाख रुपए और 9.17 लाख रुपए की चांदी भी जब्त की गई थी। इस मामले में अब तक कुल 100.36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।
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लोकायुक्त की किरकिरी
लोकायुक्त पुलिस ने इस मामले में सौरभ, चेतन और शरद के खिलाफ चालान पेश नहीं किया था, जिसके कारण आरोपियों को जमानत मिल गई थी। इस पर लोकायुक्त पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी, जिसके बाद ईडी ने अपनी जांच में तेजी दिखाई और चालान पेश किया।
अब सौरभ की जमानत का आवेदन करेंगे वकील
ईडी द्वारा अदालत में चार्जशीट पेश किए जाने के बाद अब सौरभ शर्मा के वकील सक्रिय हो गए हैं। सौरभ के वकील बुधवार को कोर्ट में जमानत के लिए आवेदन करेंगे। इधर, लोकायुक्त के द्वारा समय पर चार्जशीट पेश नहीं किए जाने के कारण पहले ही सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों को जमानत मिल चुकी है। लेकिन ईडी ने चार्जशीट पेश नहीं किया था जिसके कारण तीनों ही जेल से हैं। अब चार्जशीट पेश होने के बाद सौरभ की तरफ से जमानत का आवेदन किया जाएगा। सौरभ के अलावा चेतन और शरद के वकील भी आवेदन कर सकते हैं।