भोपाल के मोरगा गांव के नीलेश जोशी ने अत्यधिक बिल के खिलाफ उपभोक्ता आयोग का रुख किया। उपभोक्ता आयोग ने उनकी शिकायत सही मानते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को 15 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया।
फरियादी ने की शिकायत
नीलेश जोशी ने बताया कि उनके घर में कुछ सीमित बिजली उपकरण उपयोग होते हैं। उनका बिल आमतौर पर 300 से 500 रुपए के बीच आता था। मई 2022 में उनका बिल 1480 रुपए आ गया, जो औसत बिल से पांच गुना अधिक था। जोशी ने कंपनी में बिल की गलत रीडिंग की शिकायत की, लेकिन कोई उचित कार्यवाही नहीं हुई।
ये खबर भी पढ़िए... अंबेडकर मूर्ति विवाद: पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किया प्रतिमा लगाने का समर्थन
बिजली कंपनी का तर्क
बिजली कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि उपभोक्ता के यहां विद्युत आपूर्ति में कोई कमी नहीं आई। कंपनी के अनुसार, बिल में वृद्धि विद्युत खपत में बदलाव के कारण हुई। उनका कहना था कि उपभोक्ता को बिल मीटर रीडिंग और उपयोग के अनुसार ही दिया गया था।
ये खबर भी पढ़िए... एमपी यूथ कांग्रेस चुनाव का ऐलान: 20 जून से 19 जुलाई तक चलेगी वोटिंग, 18 उम्मीदवार मैदान में
उपभोक्ता आयोग का आदेश
उपभोक्ता आयोग की बेंच ने कंपनी के तर्क को अस्वीकार कर दिया। आयोग ने कहा कि कंपनी ने उपभोक्ता की शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे सेवा में कमी हुई। आयोग ने कंपनी को निर्देशित किया कि वे उपभोक्ता की वास्तविक बिजली खपत के अनुसार नया बिल जारी करें और मानसिक क्षतिपूर्ति के तौर पर 15 हजार रुपए का हर्जाना दें।
ये खबर भी पढ़िए... ओंकारेश्वर में चार युवा नर्मदा नदी में डूबे, दो को बचाया, एक की मौत और एक लापता
ये खबर भी पढ़िए... पुणे में इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढहा, 4 की मौत, 18 घायल और 41 का रेस्क्यू
15 हजार रुपए हर्जाना
यह फैसला उन उपभोक्ताओं के लिए उम्मीद की किरण साबित हो सकता है, जो बिजली कंपनियों के मनमाने बिल से परेशान हैं। उपभोक्ता आयोग के आदेश ने यह साबित कर दिया कि यदि उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो वे कानूनी मार्ग अपना सकते हैं। इस फैसले ने यह संदेश दिया कि गलत बिलिंग और अनुचित कार्यवाहियों के खिलाफ उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकता है।
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, दोस्तों, परिवारजनों के साथ 🤝 शेयर करें
📢🔄 🤝💬👫
एमपी हिंदी न्यूज | मध्य प्रदेश