भोपाल के सबसे लंबे ब्रिज का उद्घाटन, सीएम ने बाबा साहब अंबेडकर को किया समर्पित

भोपाल में आज से सबसे लंबे फ्लाईओवर पर ट्रैफिक संचालन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया और साथ ही घोषणा की कि इस ब्रिज का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा जाएगा।

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Sandeep Kumar
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भोपाल में आज से सबसे लंबे GG (गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक) फ्लाईओवर पर ट्रैफिक संचालन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया और साथ ही घोषणा की कि इस ब्रिज का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा जाएगा। सीएम डॉ. मोहन का काफिला मैदा मिल वाले आर्म से ब्रिज पर चढ़ा और डीबी मॉल के सामने से टर्न लेकर भोपाल हाट वाले आर्म पर उतरा। सीएम खुली जीप में सवार थे। इस ब्रिज से एमपी नगर का 60 प्रतिशत ट्रैफिक यानी 6 हजार गाड़ियां हर दिन गुजरेंगी। 

यह ब्रिज अब एमपी नगर के ट्रैफिक को तेज़ी से डायवर्ट करने में मदद करेगा, जिससे पहले जहां 25 मिनट का समय लगता था, वहीं अब सिर्फ 5 मिनट में यह दूरी तय हो जाएगी। यानी लोगों के करीब 25 मिनट बचेंगे। 

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लंबा ब्रिज, समय की बचत

यह फ्लाईओवर 2900 मीटर लंबा है, करीब 3 किलोमीटर है। जिसमें 200 मीटर का एक थर्ड लेग भी शामिल है। गणेश मंदिर से लेकर गायत्री मंदिर तक का यह ब्रिज ट्रैफिक को तेज़ी से डायवर्ट करेगा। इस ब्रिज को बनाने में करीब 154 करोड़ रुपए की लागत आई है।

कई अड़चनों के बाद मिली है सौगात : सीएम

सीएम मोहन यादव ने कहा कि इस ब्रिज को बनाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, कई अड़चने आईं। दिक्कतों को देखना पड़ा आखिरकार ये बनकर तैयार हुआ। कल महेश्वर में कैबिनेट होगी, पूरा मंत्रिमंडल मौजूद रहेगा। कल कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पास करेंगे, अब 180 करोड़ का ब्रिज भोपाल के बावड़ियां कला में बनेगा। हम वृहद राजधानी परियोजना की घोषणा करेंगे, भोपाल और आसपास के शहरों को जोड़ेंगे। एमपी में पुल, पुलिया और सड़कों के लिए गुजरात मॉडल लागू करेंगे। बैरागढ़ के ब्रिज का जल्दी ही लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही भोपाल के बावड़िया कलां में 180 करोड़ की लागत से नया ब्रिज बनाया जाएगा।

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मध्यप्रदेश में गुजरात मॉडल की दिशा में कदम

इस मौके पर मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में पुल, पुलिया और सड़कों के निर्माण के लिए अब गुजरात मॉडल अपनाया जाएगा। इससे राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और यातायात में सुधार आएगा। इस ब्रिज के उद्घाटन के बाद राज्य के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम और बढ़ा है।

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ब्रिज की टेस्टिंग और कार्यों का पूरा होना

ब्रिज की निर्माण प्रक्रिया में सुरक्षा और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए सभी लोड और लाइट टेस्ट पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने मैनिट के एक्सपर्ट्स से सलाह लेकर कुछ सुधारात्मक कदम उठाए हैं ताकि ट्रैफिक संचालन के दौरान किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

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थर्ड आर्म और सर्विस लेन का निर्माण

यह फ्लाईओवर दो हिस्सों में बना है। थर्ड आर्म यानी गायत्री मंदिर के पास का आखिरी छोर, जहां से फ्लाईओवर का ट्रैफिक दो भागों में बंटेगा, उसका निर्माण भी पूरा हो चुका है। लाइटिंग टेस्ट भी सफलतापूर्वक हो चुका है।

FAQ

इस फ्लाईओवर का नाम क्या रखा गया है?
इस फ्लाईओवर का नाम बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर रखा गया है, जैसा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्घाटन के समय घोषणा की थी।
फ्लाईओवर की लंबाई और लागत कितनी है?
यह फ्लाईओवर 2534 मीटर (2.5 किलोमीटर) लंबा है, जिसमें 200 मीटर का एक थर्ड लेग भी शामिल है। इस परियोजना की लागत 121 करोड़ रुपये रही है।
इस फ्लाईओवर से ट्रैफिक पर क्या असर पड़ेगा?
इस फ्लाईओवर के चलते, गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक यात्रा का समय 30 मिनट से घटकर सिर्फ 5 मिनट रह जाएगा। इससे एमपी नगर का 60 प्रतिशत ट्रैफिक (लगभग 6,000 गाड़ियां) रोज़ाना तेज़ी से गुजर सकेगा।
फ्लाईओवर के निर्माण में किन गुणवत्ता परीक्षणों का ध्यान रखा गया है?
फ्लाईओवर के निर्माण में सुरक्षा और गुणवत्ता को सर्वोपरि रखा गया। सभी लोड और लाइट टेस्ट पहले ही पूरे किए जा चुके हैं।







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