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विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक की कंपनियों द्वारा सहारा ग्रुप की 310 एकड़ जमीन की खरीदारी जांच के घेरे में आ गई है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इन सौदों पर केस दर्ज कर दस्तावेजी प्रमाण जुटाने शुरू कर दिए हैं। आरोप है कि करोड़ों रुपये की यह जमीन बेहद कम दामों पर खरीदी गई और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया गया।
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सहारा ग्रुप से जुड़े विवाद
सहारा ग्रुप ने निवेशकों से धन जुटाकर कई शहरों में जमीनें खरीदी थीं। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इन संपत्तियों को बेचकर निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया था। जमीन बेचने के बाद राशि को SEBI-सहारा रिफंड खाते में जमा करना अनिवार्य था। लेकिन शिकायतों के मुताबिक, सहारा ग्रुप ने पैसे निजी खातों और शैल कंपनियों में ट्रांसफर कर दिए।
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व्हिसल ब्लोअर का बयान
कटनी निवासी और सहारा निवेशकों के हितैषी आशुतोष दीक्षित ने ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराई। उनके अनुसार, विधायक पाठक ने 1000 करोड़ की जमीन मात्र 90 करोड़ में खरीदी। आरोप है कि इन सौदों में भ्रष्टाचार कर सहारा के निवेशकों की मेहनत की कमाई को मिट्टी के मोल बेचा गया।
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रजिस्ट्री में हेरफेर और स्टांप चोरी
संजय पाठक पर आरोप है कि उन्होंने सहारा ग्रुप की रेजिडेंशियल जमीन को एग्रीकल्चर लैंड बताकर रजिस्ट्री कराई, जिससे स्टांप ड्यूटी चोरी हुई। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए संबंधित जमीन की रजिस्ट्रियां कैंसिल करने का आह्वान किया है।
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ईओडब्ल्यू का कदम
EOW ने मामले में संजय पाठक की कंपनियों और सहारा ग्रुप के अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। साथ ही, सहारा इंडिया रियल स्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।
FAQ
FAQs
विधायक संजय पाठक पर क्या आरोप हैं?
विधायक संजय पाठक पर सहारा ग्रुप की जमीन खरीदने में नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार का आरोप है।
EOW की जांच का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सहारा ग्रुप द्वारा बेची गई जमीनों के सौदों में अनियमितताओं की जांच करना।
सहारा ग्रुप की जमीन कितनी कीमत पर बेची गई?
310 एकड़ जमीन जिसकी कीमत लगभग 1000 करोड़ थी, मात्र 90 करोड़ में बेची गई।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्या उल्लंघन हुआ?
सहारा की संपत्तियां बेचकर राशि SEBI-सहारा रिफंड खाते में जमा करनी थी, जो नहीं की गई।
समाजवादी पार्टी ने क्या मांग की है?
पार्टी ने निष्पक्ष जांच और संबंधित जमीन रजिस्ट्रियां कैंसिल करने की मांग की है।