सहारा की 200 करोड़ की जमीन 50 करोड़ में बेची गई, IT छापे में खुलासा

आयकर विभाग की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही, जिसमें त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप और ईशान ग्रुप के मालिकों और जुड़े हुए ब्रोकरों के 52 ठिकानों पर छापे मारे गए।

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Raj Singh
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आयकर विभाग की कार्रवाई शनिवार को भी जारी रही, जिसमें त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी, क्वालिटी ग्रुप और ईशान ग्रुप के मालिकों और जुड़े हुए ब्रोकरों के 52 ठिकानों पर छापे मारे गए। अब तक इस कार्रवाई में 8 करोड़ रुपए नकद और बड़ी मात्रा में ज्वेलरी बरामद की जा चुकी है, और यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है। आयकर विभाग के छापे में ये भी खुलासा हुआ है कि सहारा समूह की 200 करोड़ रुपए की जमीन महज 50 करोड़ ही बेच दी गई।

भारी मात्रा में लेन-देन

आयकर अधिकारियों के अनुसार, त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के प्रमुख राजेश शर्मा और उनके रिश्तेदारों के ठिकानों से कई शैल कंपनियों और बेनामी संपत्तियों के सबूत मिले हैं, जिनके जरिए भारी मात्रा में धन का लेन-देन किया गया। जांच में और समय लग सकता है, और अगले दो दिन में और सबूत सामने आ सकते हैं।

सस्ते दामों में बेची गई जमीन

एक और चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। आयकर के छापे में सहारा समूह से जुड़ी धोखाधड़ी के दस्तावेज भी मिले हैं। पता चला है कि सहारा समूह के जिम्मेदार व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर भोपाल में 200 करोड़ रुपए की मूल्यवान 110 एकड़ जमीन मार्च 2022 में केवल 50 करोड़ में बेच दी गई थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट में इस जमीन की कीमत 125 करोड़ रुपए बताई गई थी। यह जमीन कोलार तहसील के मक्सी गांव में स्थित है, और वर्तमान में इसका बाजार मूल्य प्रति एकड़ 2 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है।

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं माना गया

चौंकाने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन की संपत्तियां बेचकर मिले राशि को सेबी के खाते में जमा करने का आदेश दिया था, ताकि वह राशि निवेशकों को लौटाई जा सके। हालांकि, इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। भाजपा विधायक के परिवार की कंपनी सिनाप रियल एस्टेट ने इस जमीन के रजिस्ट्री के लिए मयंक चौबे को अधिकृत किया था, और सहारा समूह के संतोष कुमार जैन ने रजिस्ट्रियां कीं। मयंक चौबे को पूर्व मंत्री संजय पाठक के करीबी माना जाता है।

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अलग-अलग जगहों पर फैली हुई हैं संपत्तियां

सहारा समूह की संपत्तियां अलग-अलग जगहों पर फैली हुई हैं, जिनमें इंदौर, भोपाल, जबलपुर, देवास, कटनी शामिल हैं। इन क्षेत्रों में कुल मिलाकर लगभग 1200 करोड़ रुपए की जमीन थी। अब इनमें से कई संपत्तियां नीलामी के लिए रखी जा चुकी हैं, जबकि कुछ जमीनें बिना बाजार मूल्य के कलेक्टर गाइडलाइन पर बेची गई हैं। यह सभी संपत्तियां सिनाप रियल एस्टेट से जुड़ी हुई हैं। सिनाप रियल एस्टेट का मालिकाना हक भाजपा विधायक संजय पाठक के परिवार के पास है, जिसमें उनकी पत्नी निर्मला पाठक और पुत्र यश पाठक के पास कंपनी के 50-50% शेयर हैं।

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दस्तावेजों की जांच में जुटा IT

आयकर विभाग की इस कार्रवाई में 25 लॉकरों में सोने-चांदी के जेवर भी मिले हैं, जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। साथ ही, डीएम इंफ्रा के डायरेक्टर रूपम सेवानी ने इस दौरान अपने मोबाइल फोन को तोड़कर डेटा मिटाने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने उसे रिकवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक और दिलचस्प घटना में, जब आयकर टीम ने प्रॉपर्टी ब्रोकर विश्वनाथ साहू के ठिकाने पर छापा मारा, तो वह भाग निकला। अब आयकर अधिकारी उसके दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं और उसकी तलाश जारी है।

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