भोपाल के अस्पताल में ऑपरेशन के टेबल पर थे मरीज, बत्ती गुल होने के बाद जनरेटर भी नहीं हुआ चालू

भोपाल के जेपी हॉस्पिटल में शनिवार को बड़ी लापरवाही सामने आई। ऑपरेशन की तैयारी के दौरान बत्ती गुल हो गई। इस दौरान जनरेटर भी चालू नहीं हो पाया। इसकी वजह से डॉक्टर्स को टॉर्च जलानी पड़ी ।

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Sandeep Kumar
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Jaypee Hospital Bhopal
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BHOPAL.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में शनिवार को बिजली व्यवस्था में चूक सामने आई है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में एक घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रही। इससे ओटी, डायलिसिस यूनिट,आईसीयू और अन्य सेवाएं प्रभावित हुईं। जनरेटर भी नहीं चला, क्योंकि उसमें डीजल नहीं था।

टालना पड़ा ऑपरेशन

शनिवार की सुबह 9:55 बजे अस्पताल में भर्ती एक मरीज को एनेस्थीसिया दिया गया। सर्जन चीरा लगाने वाले थे, तभी बिजली चली गई। केवल यूपीएस से जुड़े मॉनिटर काम कर रहे थे। कुछ मिनट बाद डॉक्टरों ने टॉर्च जलाकर उजाला किया। शुक्र था कि ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ था। डॉक्टरों ने बेहोशी की दवा का असर कम किया और सर्जरी स्थगित कर दी। बिजली की इस इस गड़बड़ी के कारण दो ऑपरेशन टाले गए।

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मरीजों की डायलिसिस रुकी

बिजली गुल होने की वजह से सुबह 8 बजे से चल रही डायलिसिस यूनिट में संकट आया। इस कारण 8 मरीजों की डायलिसिस रुक गई। डायलिसिस मशीनों का बैकअप केवल 25 मिनट था। प्रक्रिया पूरी होने में एक घंटे से ज्यादा समय बाकी था। यूनिट प्रभारी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डायलिसिस को रोक दिया।

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जनरेटर में नहीं था डीजल

मुख्य बिजली सप्लाई बंद होने पर जनरेटर स्टार्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन उसमें डीजल नहीं था। सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा और सिविल सर्जन ने नाराजगी जताते हुए अस्पताल प्रबंधक को फटकार लगाई।

इसके बाद डीजल मंगवाकर जनरेटर चालू किया गया। लगभग 11:19 बजे बिजली बहाल हो सकी। इस दौरान पूरा अस्पताल बिना बिजली के रहा। आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को उमस और ऑक्सीजन की समस्या से जूझना पड़ा।

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3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

  • अस्पताल में शनिवार 11 अक्टूबर को सुबह गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई। ऑपरेशन शुरू होने से पहले बिजली चली गई। मरीज को एनेस्थीसिया दिया गया था। सर्जन ऑपरेशन करने वाले थे, तभी बिजली बंद हो गई।
  • सुबह 8 बजे से चल रही डायलिसिस यूनिट में संकट आया। बिजली जाने से आठ मरीजों की डायलिसिस रुक गई। मशीनों का बैकअप केवल 25 मिनट था। प्रक्रिया पूरी होने में एक घंटे से ज्यादा समय था।
  • बिजली की मुख्य आपूर्ति बंद होने पर अस्पताल में जनरेटर चालू किया गया, लेकिन जनरेटर में डीजल की कमी थी। इस पर अस्पताल प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई गई और डीजल मंगवाकर जनरेटर को चालू किया गया।

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क्या बोले सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा?

सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने कहा कि यह घटना ट्रांसफॉर्मर और जनरेटर की गड़बड़ी के कारण हुई। अब अस्पताल में तीन-स्तरीय पावर बैकअप सिस्टम लागू किया जाएगा। जनरेटर में डीजल की नियमित जांच और रजिस्टर में रिकॉर्ड अपडेट करने की जिम्मेदारी एक कर्मचारी को दी जाएगी।

सीएमएचओ मध्यप्रदेश भोपाल जेपी अस्पताल ऑपरेशन डायलिसिस
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