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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शराब दुकानों के लिए आयोजित ई-टेंडर प्रक्रिया का आज ( 8 मार्च ) अंतिम दिन है। यह प्रक्रिया आगामी वित्तीय वर्ष के लिए हो रही है। बता दें कि दोपहर तक शराब ठेकेदार अपनी निविदा (टेंडर) जमा कर सकते हैं। इसके बाद, इन निविदाओं को खोला जाएगा। उम्मीद है कि रविवार ( 9 मार्च ) तक पूरी प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी।
शराब दुकानों को चार समूहों में बांटा गया
इस बार 87 शराब दुकानों को चार समूहों में बांटा गया है। इससे पहले इन्हें 35 समूहों में बांटा गया था। जिला आबकारी कंट्रोलर (District Excise Controller) एचएस गोयल ने जानकारी दी कि इन दुकानों की रिजर्व प्राइस (Reserve Price) 1 हजार 73 करोड़ रुपए तय की गई है।
टेंडर प्रक्रिया की तैयारी पूरी
इस बार ई-नीलामी (E-auction) के लिए टेंडर खोले जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। सभी दुकानों के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (Earnest Money Deposit, EMD) भी तय कर दिए गए हैं। ये दुकानों के चार समूहों के लिए अलग-अलग तय किए गए हैं।
समूह 1: प्रमुख क्षेत्रों में स्थित 19 दुकानें
पहला समूह उन दुकानों का है जो प्रमुख क्षेत्रों में स्थित हैं। इनमें गोल जोड़ रोड, गेहूंखेड़ा, कोलार रोड, चूनाभट्टी, शाहपुरा, बिट्टन मार्केट, अरेरा कॉलोनी, त्रिलंगा, गुलमोहर, आरएस मार्केट, पंचशील नगर, टीनशेड, न्यू मार्केट 1 और 2, डिपो चौराहा, पीएंडटी चौराहा, नेहरू नगर 1 और 2, और नीलबड़ शामिल हैं। इस समूह की रिजर्व प्राइस 303 करोड़ 17 लाख रुपए और ईएमडी 3 करोड़ 15 लाख रुपए तय की गई है।
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समूह 2 और 3: अन्य अहम क्षेत्र
दूसरे समूह में एमपी नगर, हबीबगंज, नारायण नगर, बागसेवनिया, बाग मुगलिया, खजूरीकलां, रत्नागिरी चौराहा, पटेल नगर और अन्य शामिल हैं। इस समूह की रिजर्व प्राइस 295 करोड़ 41 लाख रुपए और ईएमडी 3 करोड़ 10 लाख रुपए है। तीसरे समूह में 25 दुकानें हैं जिनकी रिजर्व प्राइस 264 करोड़ 53 लाख रुपए है, और ईएमडी 2 करोड़ 75 लाख करोड़ रुपए है।
समूह 4: शेष 27 दुकानें
चौथे समूह में 27 शराब दुकानों की रिजर्व प्राइस 210 करोड़ 73 लाख रुपए और ईएमडी 2 करोड़ 25 करोड़ रुपए तय की गई है। इन दुकानों के स्थानों में पुराना किला, शाहजहांनाबाद, लालघाटी, सीहोर नाका, इंदौर रोड, बैरसिया, गुनगा, रतुआ, और अन्य शामिल हैं।
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पिछली बार कैंसिल हुई प्रक्रिया
पिछली बार, शराब दुकानों के लिए आयोजित प्रक्रिया कैंसिल हो गई थी। इसका कारण यह था कि रिजर्व प्राइस 1 हजार 87 करोड़ रुपए का 80% राजस्व नहीं मिल पाया था। तब नवीनीकरण और लॉटरी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था। 49 दुकानों के संचालकों ने 20% अधिक राशि देकर नवीनीकरण किया था। बता दें कि इस प्रक्रिया के तहत कुल राजस्व का 56.57% प्राप्त हुआ था। बाकी 38 दुकानों के लिए लॉटरी प्रक्रिया में 6 समूहों के लिए आवेदन आए, जबकि 10 समूहों के लिए कोई आवेदन नहीं आया। इस वजह से 251 करोड़ 40 लाख रुपए का राजस्व भी नहीं प्राप्त हुआ। अब नए टेंडर बुलाए गए हैं, ताकि पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके।
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