प्रिंसिपल की रिश्वतखोरी का खुलासा, लोकायुक्त ने किया रंगे हाथ गिरफ्तार
भ्रष्ट और रिश्वतखोर अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। इसके बावजूद रिश्वतखोरी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। ताजा मामला राजधानी भोपाल का है, यहां एक प्रिंसिपल को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
Bhopal Lokayukta action Principal Photograph: (the sootr)
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Bhopal Lokayukta action : भोपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई की गई है। लोकायुक्त टीम ने एक स्कूल प्रिंसिपल को रिश्वत लेते पकड़ा है। यह मामला तब सामने आया जब सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने एक कारोबारी से दो महीने के लंबित बिलों का भुगतान करने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त टीम ने योजना बनाकर इस रिश्वतखोरी कांड का पर्दाफाश किया और आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता गौरव शर्मा कनका फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक हैं। गौरव ने बताया कि उनके द्वारा शासकीय श्रमोदय आवासीय विद्यालय को दो महीने पहले भोजन सामग्री दी गई थी, लेकिन भुगतान नहीं हुआ था। जब उन्होंने बिल का भुगतान मांगा, तो प्राचार्य विजय सिंह महोबिया ने 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल ने मामले की गहन जांच की। जांच में शिकायत सही पाई गई। इसके बाद रिश्वतखोरी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए धारा 7 के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
26 दिसंबर 2024 को लोकायुक्त ने आरोपी विजय सिंह महोबिया को रिश्वत लेते पकड़ने के लिए एक टीम बनाई। इस टीम ने पांच गवाहों की मौजूदगी में प्रिंसिपल को 50 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया।
टीम का नेतृत्व
इस ट्रैप कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक संजय शुक्ला ने किया। उनके साथ मुकेश पटेल, बृजबिहारी पांडे, अवध वाथवी और राजीव तिवारी ने भी अहम भूमिका निभाई। यह सफलता लोकायुक्त द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एक और कदम साबित हुई।