भोपाल में लव जिहाद की शिकायत पर जांच करते SI को नसीहत देना पड़ गया भारी, जानें क्यों
भोपाल के अयोध्यानगर थाना क्षेत्र में ‘लव जिहाद’ को लेकर हुई शिकायत की जांच करते समय एसआई दिनेश शर्मा का एक विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। वीडियो में उनकी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कही गई टिप्पणी ने विवाद को भड़काया।
MP News : भोपाल के अयोध्यानगर थाना क्षेत्र के कांता श्रवण जिम में ‘लव जिहाद’ को लेकर हुई शिकायत की जांच के दौरान एसआई दिनेश शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में एसआई ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। पुलिस प्रशासन ने एसआई को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया और इस मामले की जांच का आदेश दिया।
वायरल वीडियो में क्या कहा गया?
वीडियो में एसआई दिनेश शर्मा जिम संचालक से बातचीत करते हुए कहते दिखे, "अब इस जिम में न कोई मुस्लिम ट्रेनिंग देने आएगा और न ही लेने।" इस बयान को सोशल मीडिया और स्थानीय समुदाय में सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाडऩे वाला बताया जा रहा है। वीडियो वायरल होते ही कई संगठनों और नागरिकों ने इसकी कड़ी निंदा की।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
शिकायत पर जांच कर रहे एसआई दिनेश शर्मा के विवादित बयान का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसआई को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसा विवादित बयान क्यों और किस संदर्भ में दिया गया।
‘लव जिहाद’ (Love-Jihad) का विषय देश में एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है। कई राज्यों में इसे लेकर जनभावना उग्र होती जा रही है। ऐसे में पुलिस का कर्तव्य होता है कि वे कानून और व्यवस्था बनाए रखें और सभी समुदायों के प्रति निष्पक्ष और संवेदनशील रवैया अपनाएं। इस मामले में एसआई का विवादित बयान पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है।
जानकारी के अनुसार, इस मामले की शुरुआत तब हुई जब हिंदूवादी संगठनों ने अयोध्या बायपास क्षेत्र स्थित कांता श्रवण जिम में मुस्लिम युवकों द्वारा नाम बदलकर हिंदू युवतियों से संपर्क बढ़ाने और प्रेमजाल में फंसाने की शिकायत अयोध्यानगर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस शिकायत की जांच के लिए एसआई दिनेश शर्मा और अन्य पुलिसकर्मियों को जिम भेजा था।
स्थानीय मुस्लिम और हिंदू समुदाय के नेताओं ने पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। मुस्लिम समुदाय ने एसआई के बयान को अपमानजनक और भडक़ाऊ बताया है। वहीं कुछ हिंदूवादी संगठन इस मामले में पुलिस की जांच का स्वागत कर रहे हैं।