BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान 2047 ( Bhopal Master Plan 2047 ) को अंतिम स्वरूप दिया जा रहा है। इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा। भोपाल विकास योजना में कई जरुरी बदलाव प्रस्तावित किये गए हैं, लेकिन इसमें भी सबसे बड़ी दिक्कत बड़े तालाब के कैचमेंट को लेकर ही रहेगी।
5 साल मशक्कत और मास्टर प्लान वापस
भोपाल मास्टर प्लान 2031 के लिए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने पांच साल मशक्कत की। दो-दो बार दावे आपत्तियां बुलाकर उनकी सुनवाई की। निराकरण भी किया, लेकिन फाइनल प्रकाशन से ठीक पहले इसे वापस ले लिया गया।
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ये विवाद बने मास्टर प्लान पर भारी
सत्तापक्ष के विधायकों ने ही मास्टर प्लान 2031 के विरोध में मोर्चा खोल दिया था। ऐसे में ये माना ही जा रहा था कि ये अब लागू होने से रहा। इसमें सबसे ज्यादा विवाद की वजह भोपाल की लाइफ लाइन कहे जाने वाले बड़े तालाब का कैचमेंट बना। इस कैचमेंट में जिनकी जमीन है वह इस पर निर्माण की अनुमति चाहते थे, लेकिन रामसर साइट होने के कारण ये संभव नहीं था। खेती की जमीन कैचमेंट में आने से किसानों ने भी इसका विरोध किया। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ( Town and Country Planning ) के उप सचिव आके कार्तिकेय ने 29 फरवरी 2024 को एक आदेश जारी किया।
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इस महीने सामने आएगा ड्राफ्ट
5 जून तक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी है। यही कारण है कि मास्टर प्लान को लेकर कोई भी कार्रवाई इस तारीख के बाद ही होगी। टीएंडसीपी के सूत्रों के अनुसार विभागीय मंत्री को इसका प्रजेंटेशन दिखाने के बाद जुलाई में भोपाल मास्टर प्लान 2047 ृके ड्राफ्ट का प्रकाशन कर दिया जाएगा।
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मास्टर प्लान में ऐसे हो सकते हैं बदलाव
1. शहर के बाहरी हिस्सों में निर्माण पर लगाम लगाने 2031 के मास्टर प्लान में फ्लोर एरिया रेशो यानी एफएआर 0.25 प्रस्तावित था। यदि ये मास्टर प्लान वापस नहीं लिया जाता तब भी एफएआर 0.5 हो ही रहा था। लेकिन अब इसे 1.25 तक करने का प्रस्ताव लिया जा रहा है।
2. मास्टर प्लान 2031 में बड़े तालाब के कैचमेंट को बचाने कई प्रस्तावों को शामिल किया गया था। यही विरोध की सबसे बड़ी वजह भी बना। मास्टर प्लान 2047 में कैचमेंट में सशर्त निर्माण की अनुमति दी जा सकती है। 2031 की अपेक्षा 2047 की विकास योजना में कुछ ढील दी जाएगी।
3. भोपाल मास्टर प्लान 2047 में तीसरा बड़ा बदलाव सड़कों के नेटवर्क को लेकर रहेगा। इसमें बदलाव किये गए हैं। जो पुरानी सड़कें नहीं बन सकी है, उन्हें हटाया गया है। वहीं नई सड़कें प्रस्तावित की गई है। 2047 की जरुरत के हिसाब से सड़कों के नेटवर्क को बदला गया है।
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बिना विकास योजना के 19 साल से विकास
किसी शहर के व्यवस्थित और सुनियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन राजधानी भोपाल में ही ये बीते 19 सालों से लागू नहीं हो सका। 2005 में मास्टर प्लान की अवधि खत्म होने के बाद एक बार 2021 और फिर 2031 के मास्टर प्लान को लेकर कवायद की गई, लेकिन ये सफल नहीं हो सकी।
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