एमसीयू का कारनामा: पहले सर्टिफिकेट रोका, फिर बता दिया अनुशासनहीन, अब बदल दिया प्रमाण पत्र

माखनलाल पत्रकारिता यूनिवर्सिटी ने एक महीने बाद पूर्व छात्र का ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी किया। अखबार में विश्वविद्यालय की गड़बड़ियों पर खबर छपने के बाद उनका सर्टिफिकेट रोका गया था। द सूत्र ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
mcu monika verma aditya dubey
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

BHOPAL.भोपाल के माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय प्रबंधन के हस्तक्षेप के बाद पूर्व छात्र आदित्य कुमार दुबे को ट्रांसफर सर्टिफिकेट मिल गया। हालांकि, इसके लिए पूर्व छात्र को लगभग एक महीने तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। शुक्रवार को यह ट्रांसफर सर्टिफिकेट पूर्व छात्र को जारी कर दिया गया। 

बिहार के एक अखबार में विश्वविद्यालय की अव्यवस्था से संबंधित समाचार प्रकाशित करने की वजह पूर्व छात्र का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जा रहा था। छात्र और विभागाध्यक्ष के बीच इस संबंध में बातचीत का ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

द सूत्र ने पत्रकारिता विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकार पर समाचार लिखने से रोकने का दबाव बनाने सर्टिफिकेट रोकने का मामला प्रमुखता से उठाया था।

ये खबर भी पढ़िए...माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय: खबर लिखने से नाराज विभागाध्यक्ष ने रोका सर्टिफिकेट, क्या बना रहा एमसीयू पत्रकार या चाटुकार !

पहले जारी किए गए ट्रांसफर सर्टिफिकेट में छात्र आदित्य दुबे का सामान्य आचरण बुरा (BAD) बताया गया था। यह ट्रांसफर सर्टिफिकेट 9 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया था। 

वहीं, 10 अक्टूबर को जारी किए ट्रांसफर सर्टिफिकेट में आदित्य दुबे को सामान्य आचरण में अच्छा (GOOD) दिखाया गया है।

ये खबर भी पढ़िए... मध्यप्रदेश: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में 6 करोड़ का ऑडिटोरियम 4 साल में खंडहर, मरम्मत पर अब 4 करोड़ का खर्च

डेढ़ महीने तक रूका रहा सर्टिफिकेट

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (एमसीयू) देश का प्रमुख संस्थान है। यहां से कई नामचीन पत्रकार तैयार हुए हैं। लेकिन, विश्वविद्यालय से पढ़कर निकले छात्र आदित्य कुमार दुबे की ओर से व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले समाचार लिखना यूनिवर्सिटी को अच्छा नहीं लगा। एमसीयू में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की विभागाध्यक्ष मोनिका वर्मा ने करीब डेढ़ महीने पहले आदित्य कुमार की ओर से किए गए स्थानांतरण और चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन को रोक दिया। यानी निष्पक्ष पत्रकारिता के जो सिद्धांत आदित्य कुमार को पढ़ाए गए थे। उन्हें प्रतिष्ठा का विषय बनाकर एमसीयू प्रबंधन ने ही उस पर विचार नहीं किया।

ये खबर भी पढ़िए... कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने घटाई फीस, छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत

विभागाध्यक्ष ने बनाया दवाब

बिहार के चंपारण नीति अखबार के पत्रकार और पूर्व छात्र आदित्य कुमार पर दवाब बनाने के लिए एमसीयू ने सारी हदें पार कर दीं। केवल उसका ट्रांसफर सर्टिफिकेट ही नहीं रोका गया बल्कि उस पर अनुशासनहीन होने की टीप दर्ज कर करियर से खिलवाड़ करने की कोशिश भी की गई।

ये खबर भी पढ़िए... पत्रकारिता विश्वविद्यालय में छात्राओं से अश्लील हरकत, छात्रों पर लगे आरोप

आदित्य कुमार ने द सूत्र को बताया कि विभागाध्यक्ष मोनिका वर्मा ने उन पर समाचार प्रकाशित करने पर माफीनामा लिखकर लेने का दवाब बनाया था। जब वे इसके लिए तैयार नहीं हुए तो 9 अक्टूबर 25 को ट्रांसफर सर्टिफिकेट जारी कर उस पर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करने और अनुशासनहीन होने की टीप लगा दी। हालांकि बाद में मामला चर्चा में आने और कुलगुरू के हस्तक्षेप से अगले ही दिन 10 अक्टूबर 25 को इस टीप को हटाकर नया सर्टिफिकेट जारी कर उन्हें ई-मेल के जरिए भेज दिया गया।

द सूत्र की टीम ने पूरे मामले में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विभागाध्यक्ष मोनिका वर्मा से बात करने की कोशिश की। हालांकि, उनकी ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

मध्यप्रदेश माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय पत्रकार ट्रांसफर सर्टिफिकेट एमसीयू
Advertisment