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मध्य प्रदेश के भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज को उच्च शिक्षा विभाग ने मान्यता निरस्त कर दी है। यह फैसला उस कॉलेज को लेकर लिया गया है, जिसे पहले सत्र 2025-26 के लिए अंतरिम मान्यता दी गई थी। कॉलेज को मान्यता की निरंतरता देने के आदेश को अब विभाग ने वापस ले लिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कॉलेज के जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं थे, साथ ही कॉलेज की जांच में कुछ अनियमितताएं भी सामने आईं।
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कॉलेज के दस्तावेज अधूरे
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज के दस्तावेजों में कमी पाई और यह भी पाया कि कॉलेज द्वारा आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं किया गया था। जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज अधूरे थे और शर्तों का पालन नहीं किया गया था। इसके चलते कॉलेज की मान्यता निरस्त कर दी गई। विभाग ने इस मामले में साफ कहा कि यदि कॉलेज की ओर से पूरी जानकारी और शर्तों का पालन किया जाता, तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
विधायक आरिफ मसूद की प्रतिक्रिया
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि यह निर्णय अनुचित है। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज की दो बार जांच हो चुकी थी और कॉलेज का नवीनीकरण भी किया गया था। उन्होंने कहा कि "यह मामला हाई कोर्ट में है और इस पर अदालत का निर्णय आना बाकी है।" मसूद का कहना था कि कॉलेज ने सभी शर्तों का पालन किया था और इसके बावजूद मान्यता रद्द करना अन्यथा है।
हाई कोर्ट में चल रहा मामला
विधायक मसूद ने यह भी कहा कि यह मामला पहले ही हाई कोर्ट में चल रहा है और अदालत से फैसले का इंतजार किया जा रहा है। उनका मानना है कि कॉलेज की मान्यता को रद्द करने से पहले पूरे मामले की उचित जांच होनी चाहिए थी।
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