आखिर किसकी लापरवाही से कटा भोपाल नगर निगम के हजारों कर्मचारियों का आधा वेतन

भोपाल नगर निगम में अधिकारियों की लापरवाही से हजारों कर्मचारियों को आधा वेतन मिला। कर्मचारियों का कहना है कि आर्थिक प्रबंधन में गड़बड़ी हुई। अधिकारी हाजिरी की नई व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. भोपाल नगर निगम में अधिकारियों की लापरवाही कर्मचारियों के लिए परेशानी बन गई है। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण हजारों कर्मचारियों को आधा वेतन ही मिल पाया है। अब कर्मचारी निगम के जोन कार्यालयों के चक्कर काटकर पूरा वेतन मांग रहे हैं। 

निगम के कर्मचारी इसकी वजह आर्थिक प्रबंधन में गड़बड़ी बता रहे हैं तो अधिकारी हाजिरी की नई व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वजह जो भी हो फिलहाल निगम के कर्मचारी अधूरा वेतन मिलने से नाराज है। शनिवार को इन कर्मचारियों ने काम बंद कर जोन कार्यालयों में डेरा जमाए रखा। वहीं कर्मचारियों की नाराजगी पर अधिकारी चुप्पी साधे रहे।   

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काम पूरा लेकिन वेतन मिला अधूरा

राजधानी भोपाल में नगर निगम के पास 15 हजार कर्मचारियों का भारी भरकम अमला है। सबसे ज्यादा कर्मचारी स्वच्छता विभाग के पास हैं। इन कर्मचारियों को नवम्बर माह में मिलने वाले वेतन में अचानक कटौती कर दी गई है। उन्हें केवल 15 दिन का वेतन ही दिया गया है। 

इसको लेकर कर्मचारी कई बार निगम के जोन कार्यालय जाकर सवाल कर चुके हैं लेकिन अधिकारी उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से कर्मचारी बार- बार चक्कर काट रहे हैं। एक दिन पहले भी कर्मचारियों ने जोनल अधिकारियों को पूरा वेतन देने की मांग की थी लेकिन उन्हें टाल दिया गया। 

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आर्थिक तंगी या ई-अटेंडेंस ने की कटौती

निगम के स्वच्छताकर्मियों के वेतन में कटौती की वजह को लेकर दो तरह के जवाब सामने आ रहे हैं। जहां अधिकारी इसकी वजह हाल ही में शुरू हुई ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था को बता रहे हैं। वहीं कर्मचारियों का कहना है निगम के बड़े अधिकारियों को पूरा वेतन मिल गया लेकिन उन्हें जो मामूली वेतन मिलता है उसमें कटौती की गई है। 

टैक्स वसूली न होने से निगम आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और संभवतया इसी वजह से उन्हें आधी वेतन दी गई है। कर्मचारियों का कहना है यदि ऑनलाइन अटेंडेंस के कारण कटौती हुई है तब भी अधिकारी जिम्मेदार हैं क्योंकि अधूरी तैयारी के बीच इसे लागू क्यों किया गया है। 

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जिम्मेदारों की गलती, कर्मचारियों का नुकसान

दरअसल नगर निगम में कर्मचारियों की हाजिरी की व्यवस्था को 16 अक्टूबर से बदला गया है। पहले कर्मचारी सार्थक एप के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। इसमें बदलाव कर अब अटेंडेंस को आधार बेस कर दिया गया है। बताया जा रहा है महीने के बीच में उपस्थिति की व्यवस्था बदलने की वजह से वेतन की गणना केवल 15 दिन की हो पाई है।

इस वजह से कर्मचारियों को 1 से 15 अक्टूबर का वेतन मिला है। नई अटेंडेंस व्यवस्था लागू होने के बाद यानी 16 से 31 अक्टूबर का वेतन आने वाले दिनों में मिलेगा। वहीं कर्मचारियों का कहना है निगम प्रबंधन ने अचानक व्यवस्था को बदला है और इसका खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है। मामूली वेतन भी अधूरा मिलने से उनके महीने भर के काम गड़बड़ा गया है। बच्चों की स्कूल-कॉलेज फीस से लेकर राशन और बिल जैसे काम भी अटक गए हैं।

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