भोपाल नगर निगम में कार्यरत एक रिटायर्ड कर्मचारी की मौत हो गई थी। पेंशन उसकी पत्नी के नाम ट्रांसफर होनी थी। इसे लेकर महिला का बेटा मुकेश डंके लगातार निगम दफ्तर के चक्कर लगा रहा था। इस बीच पेंशन विभाग में पदस्थ एक क्लर्क बिना रिश्वत के काम करने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त से शिकायत की। मामला सही पाए जाने पर लोकायुक्त ने क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ लिया।
दरअसल, शिकायतकर्ता मुकेश डंके ने भोपाल लोकायुक्त से शिकायत की थी। उसने बताया था कि पिछले महीने उसके पिता का निधन हो गया था। उसके पिता की पेंशन उसकी मां के नाम पर ट्रांसफर होनी थी। इसके लिए वह भोपाल नगर निगम स्थित पेंशन कार्यालय पहुंचा था। पेंशन कार्यालय में पदस्थ बाबू दौलत कुमार ने इसके लिए 5 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
तंग आकर की शिकायत
बाबू से तंग आकर पीड़िता ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने अपने स्तर पर मामले की जांच की। जांच में यह मामला पूरी तरह सत्य पाया गया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ पीसी एक्ट 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही उसे ट्रैप करने के लिए टीम गठित की गई।
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रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाया
अपनी योजना के मुताबिक लोकायुक्त टीम माता मंदिर स्थित नगर निगम कार्यालय पहुंची। वहां पर शिकायतकर्ता ने काम के बदले बाबू दौलत कुमार को 3 हजार रुपए की रिश्वत दी। इस दौरान लोकायुक्त टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। ट्रैप के बाद आगे की कार्रवाई जारी है। वहीं लोकायुक्त के ट्रैप में फंसे बाबू की अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा सकती है। कथित तौर पर निगम कार्यालय में चर्चा है कि वह बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता था। इस कार्रवाई के बाद भोपाल नगर निगम कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मप्र लोकायुक्त प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।
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