MP News: मध्य प्रदेश के मेट्रोपॉलिटन रीजन (Metropolitan Region) के अंतर्गत आने वाले भोपाल, राजगढ़, विदिशा, सीहोर और रायसेन जिलों को एक साझा पर्यटन सर्किट या टूरिज्म कॉरिडोर (Tourism Corridor) के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस सर्किट का उद्देश्य सड़क परिवहन के माध्यम से इन जिलों के ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों को एक सूत्र में पिरोना है।
इस पर्यटन कॉरिडोर से न केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी नई गति भी मिलेगी। भोपाल, जो झीलों और संग्रहालयों के लिए जाना जाता है, इस कॉरिडोर का केंद्र बिंदु होगा। इस सर्किट में लगभग 52
पर्यटन स्थल और उनकी विशेषताएं
भोपाल: झीलों और सांस्कृतिक स्थलों का केंद्र
भोपाल में ताज-उल-मस्जिद, बिरला मंदिर, मोती मस्जिद, जामा मस्जिद, गुफा मंदिर, बड़ा तालाब, छोटा तालाब, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भारत भवन, मानव संग्रहालय, शौर्य स्मारक, मछलीघर, केरवा डैम और सैर-सपाटा जैसे कई आकर्षक स्थल हैं।
रायसेन: ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर
रायसेन में भोजपुर मंदिर, रायसेन किला, भीमबेटका गुफाएं,राजा अशोक द्वारा बनवाए सांची स्तूप, बरना डैम, सतधारा इको जंगल कैंप, रातापानी वन्यजीव अभयारण्य और महादेव पानी जलप्रपात जैसे स्थल शामिल हैं।
ये भी पढ़ें:
धर्म की गंगा: मध्यप्रदेश बना आध्यात्मिकता और पर्यटन दोनों का संगम
विदिशा: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और ऐतिहासिक धरोहर
विदिशा के निकट सांची जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, हेलिओडोरस स्तंभ, उदयगिरि गुफाएं, विदिशा संग्रहालय और लोहंगी रॉक स्थित हैं।
सीहोर: धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल
सीहोर में चिंतामण गणेश मंदिर, सीहोर किला, सलकनपुर और कथाली प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं।
ये भी पढ़ें:
मां पीतांबरा की नगरी को मिला 44.24 करोड़ का वरदान, बनेगा नया आध्यात्मिक हब, पर्यटन को भी बढ़ावा
राजगढ़: प्राकृतिक सौंदर्य और आदिवासी संस्कृति
राजगढ़ में कुंडालिया डैम, मोहनपुरा डैम, नरसिंहगढ़ किला, चिड़ी खो अभयारण्य तथा पहाड़ियों, झरनों और आदिवासी संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा जाएगा।
पर्यटन सर्किट को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे कदम
इस साझा टूरिज्म कॉरिडोर के विकास के लिए सरकार सड़कों के नेटवर्क को बेहतर बनाएगी, रेस्ट हाउसों और पर्यटन सूचना केंद्रों की स्थापना करेगी, साथ ही प्रशिक्षित गाइड सेवाएं उपलब्ध कराएगी। डिजिटल प्रचार-प्रसार, स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और होम स्टे सुविधाओं को भी योजना में शामिल किया जाएगा।
संभागायुक्त संजीव सिंह ने बताया कि यह सर्किट 'गोल्डन टूरिज्म ट्राइएंगल' की तरह काम करेगा और क्षेत्रीय आर्थिक विकास में मदद करेगा।