बीना विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी पर सवाल, जबलपुर हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस

मध्य प्रदेश की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहीं निर्मला सप्रे के दलबदल का मामला अब जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच चुका है। कांग्रेस ने याचिका दायर की है, जिसमें आरोप है कि...

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Neel Tiwari
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umang singhar AND NIRMALA SAPRE NEWS
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मध्य प्रदेश की राजनीति में बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के दलबदल का मामला अभी थमा नहीं है। कांग्रेस पार्टी अब इस मुद्दे को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में साफ कहा गया है कि निर्मला सप्रे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुकी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में उनकी सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए।

इंदौर हाईकोर्ट ने लौटाई थी याचिका

इससे पहले उमंग सिंघार ने यही याचिका इंदौर खंडपीठ में दायर की थी। हालांकि, जस्टिस प्रणय वर्मा की बेंच ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह मामला इंदौर पीठ के अधिकार क्षेत्र में विचारणीय नहीं है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता इस मामले को जबलपुर मुख्य पीठ के समक्ष रख सकते हैं। इसी आदेश के बाद कांग्रेस ने अब जबलपुर हाईकोर्ट में दस्तक दी।

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अब जबलपुर हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई

जानकारी के अनुसार, उमंग सिंघार की ओर से दायर यह नई रिट याचिका 6 सितंबर को रजिस्टर हो चुकी है और अब हाईकोर्ट रजिस्ट्रार तक पहुंच गई है। हालांकि, इसे अभी किसी जज की कॉजलिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस पर सुनवाई तय हो सकती है। इस मामले में बीना विधायक निर्मला सप्रे के साथ-साथ मध्य प्रदेश सरकार और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को भी प्रतिवादी बनाया गया है।

शॉर्ट में समझें सप्रे से जुड़ी पूरी खबर

  1. दलबदल का मामला: बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे के भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) में शामिल होने के बाद उनका दलबदल मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचा है।

  2. कांग्रेस की याचिका: कांग्रेस ने याचिका दायर कर कहा कि सप्रे ने बीजेपी जॉइन किया है, लेकिन विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया, इसलिए उनकी सदस्यता समाप्त की जाए।

  3. इंदौर हाईकोर्ट का निर्णय: पहले इस याचिका को इंदौर हाईकोर्ट में दायर किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और मामले को जबलपुर पीठ में लाने का आदेश दिया।

  4. कांग्रेस का आरोप: कांग्रेस का कहना है कि सप्रे ने बीजेपी जॉइन करने के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष से इस्तीफे के लिए कोई कदम नहीं उठाया, और 90 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

  5. आने वाली सुनवाई: अब जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होने वाली है, और उसी के बाद निर्मला सप्रे की विधायकी पर निर्णय लिया जाएगा।

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निर्मला सप्रे के दलबदल के बाद शुरू हुआ विवाद

एमपी कांग्रेस का आरोप है कि 2023 में सागर जिले से कांग्रेस टिकट पर निर्वाचित हुईं निर्मला सप्रे ने खुले तौर पर बीजेपी का दामन थाम लिया, लेकिन अपनी सदस्यता छोड़ने से इनकार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी भेजा था, मगर 90 दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद मजबूरी में कांग्रेस अदालत की शरण में गई है। पिछली सुनवाई में इंदौर हाईकोर्ट में सिंघार की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने तर्क दिए थे कि या तो कोर्ट खुद इस पर निर्णय दे या विधानसभा अध्यक्ष को आदेशित करे। अब इस मामले के जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए लिस्ट होने के बाद ही निर्मला सप्रे की विधायकी का फैसला होगा। एमपी बीजेपी

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