बीना विधायक निर्मला सप्रे पर उमंग सिंघार की याचिका में नया मोड़, विधायकी पर अब यह होगा

मध्यप्रदेश के सागर जिले की बीना विधायक निर्मला सप्रे की पार्टी स्थिति पर सवाल खड़ा हो गया है। नवंबर 2023 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता, लेकिन मई 2024 में बीजेपी जॉइन कर ली।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
mla-nirmala-sapre

Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

INDORE।मप्र में सागर जिले की बीना विधायक निर्मला सप्रे संभवतः इकलौती विधायक है जिसकी पार्टी का ही तय नहीं है कि वह अभी किस पार्टी की विधायक है। नवंबर 2023 में विधासनभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और जीता। लेकिन, सत्ता में बीजेपी सरकार आई और फिर वह लोकसभा चुनाव के पहले 5 मई 2024 को बीजेपी में चली गई और ज्वाइन कर लिया। कायदे से दल-बदल नियम में विधायकी जानी थी या फिर पार्टी बदलने पर इस्तीफा देने पर नए सिरे से उपचुनाव होना था लेकिन कुछ नहीं हुआ।

नेता प्रतिपक्ष ने लगाई हाईकोर्ट में याचिका

इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उनकी विधायकी दल-बदल एक्ट में खत्म करने के लिए स्पीकर नरेंद्र तोमर को पत्र लिखा। तोमर ने भी सप्रे को नोटिस देकर जवाब मांगा। 

इस पर उन्होंने जवाब दिया कि- मैंने दलबदल नहीं किया है। उधर कांग्रेस बोल रही है कि वह हमारी पार्टी में नहीं है और महीनों से लगातार बीजेपी संगठन का काम कर रही हैं और सीएम के साथ मंच साझा करती रहीं हैं। 

स्पीकर स्तर पर फैसला नहीं होने पर सिंघार ने इंदौर हाईकोर्ट में 28 नवंबर 2024 को याचिका दायर कर दी। इसमें मप्र शासन, स्पीकर, स्पीकर नरेंद्र तोमर और विधायक सप्रे को पार्टी बनाया। इसमें सुनवाई के बाद मामला पेंडिंग में था, अब इसे सोमवार 1 सितंबर को निराकृत कर दिया गया।

ये भी पढ़ें... नरेंद्र सिंह तोमर ने निर्मला सप्रे की सदस्यता पर उठाया सवाल, उमंग सिंघार ने किया पलटवार

ये भी पढ़ें... हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, अब फैसला तय करेगा विधायक निर्मला सप्रे का भविष्य

हाईकोर्ट में यह हुआ रोचक मामला

इस मामले में केस लगने के बाद से ही मेरिट पर तर्क लगने की जगह इस बात पर बहस हुई कि इस याचिका का क्षेत्राधिकार कौन सी कोर्ट होगी। कारण है कि सिंघार ने यह याचिका इंदौर हाईकोर्ट इसलिए लगाई क्योंकि वह धार जिले के गंधवानी से विधायक है और यह क्षेत्र इंदौर हाईकोर्ट के दायरे में आता है।

ये भी पढ़ें... कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे पर लगे गंभीर आरोप, युवक बोला- उन्होंने कहा जूते मारूंगी, गालियां भी दीं

वहीं एक मामला उठा कि इसे ग्वालियर हाईकोर्ट में होना चाहिए क्योंकि प्रभावित पक्ष यानी विधायक सप्रे की विधानसभा ग्वालियर हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में हैं। वहीं एक पक्ष उठा कि यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट मुख्य खंडपीठ में आना चाहिए क्योंकि स्पीकर जिन्हें फैसला करना है और घटनाक्रम जहां हुआ है वह भोपाल, जबलपुर के क्षेत्राधिकार में आता है। 

3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 सागर जिले की बीना विधायक निर्मला सप्रे ने नवंबर 2023 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि, 5 मई 2024 को वह बीजेपी में शामिल हो गईं। 
👉 कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस मुद्दे को उठाते हुए विधानसभा स्पीकर नरेंद्र तोमर को पत्र लिखा। सिंघार ने स्पीकर से विधायकी खत्म करने की मांग की, जिसके बाद स्पीकर ने विधायक सप्रे को नोटिस भेजा और जवाब मांगा। 
👉 स्पीकर द्वारा कोई फैसला नहीं किए जाने पर, उमंग सिंघार ने इंदौर हाईकोर्ट में 28 नवंबर 2024 को याचिका दायर की। इसमें मप्र शासन, स्पीकर और विधायक सप्रे को पक्षकार बनाया गया था। 

ये भी पढ़ें... फिर विवादों में विधायक निर्मला सप्रे, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष खंडेलवाल ने किया तलब, पहले सीएम से मिलीं

तर्क सुनने के बाद यहां भेजा गया केस

सभी तर्क सुनने के बाद जस्टिस प्रणय वर्मा ने इंदौर हाईकोर्ट से यह याचिका निराकृत कर दी और अब नए सिरे से यह जबलपुर हाईकोर्ट में लगेगी। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल ने बताया कि याचिका क्षेत्राधिकार भिन्न होने पर यहां से निराकृत हो गई है, अब इसे हम जबलपुर में लगा रहे हैं। एक-दो दिन में ही इसे जबलपुर हाईकोर्ट में लगा देंगे।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी इंदौर जबलपुर हाईकोर्ट कांग्रेस इंदौर हाईकोर्ट मध्यप्रदेश