New Update
/sootr/media/media_files/2024/12/15/MuCzvItPWvz9L58VyIGh.jpg)
Listen to this article
0.75x
1x
1.5x
00:00
/ 00:00
BHOPAL : मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले एक बार फिर बीना विधायक का मामला चर्चा में है। हालांकि सत्र शुरू होने से चंद घंटे पहले भी ये साफ नहीं हो पाया है कि विधायक निर्मला सप्रे विधानसभा पहुंचेंगी भी या नहीं। उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर लिया है। खबर है बीना विधायक सोमवार को अपने क्षेत्र में विकास यात्रा के आयोजनों में शामिल होंगी। इसका कार्यक्रम भी तय हो गया है इस वजह से विधानसभा नहीं पहुंचेंगी। कांग्रेस से मोहभंग के बाद बीजेपी के कार्यक्रमों-बैठकों में नजर आने वाली विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इधर कांग्रेस बागी विधायक की सदस्यता का मामला भी विधानसभा में उठाने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस से मोह भंग
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीना विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस से दूरी बना ली थी। वे लगातार भाजपा की बैठक और कार्यक्रमों में पहुंचने लगी थीं। उन्होंने बीना आगमन के दौरान सीएम डॉ.मोहन यादव के साथ भाजपा की चुनावी सभाओं में मंच भी साझा किया था। लोकसभा चुनाव कैंपेन में भी वे भाजपा के खेमे में रहकर प्रचार कर रही थीं। कांग्रेस के टिकट पर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्मला सप्रे पहली बार बीना से विधायक निर्वाचित हुई थीं। लेकिन कुछ महीने बाद ही कांग्रेस से उनका मोह भंग हो गया था। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं से भी फासला बना लिया था।
ये खबर भी पढ़ें...
भाजपा की सदस्यता पर असमंजस
विधायक सप्रे की भाजपा से नजदीकियां और अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की शिकायतों के चलते कांग्रेस ने उनसे जवाब भी तलब किया था। हालांकि तब भी उन्होंने विधायक पद से त्यागपत्र नहीं दिया और स्थिति भी स्पष्ट नहीं की थी। वे जुलाई में संपन्न हुए बजट सत्र के दौरान भी विधानसभा से गायब रही थीं। इसी वजह से उनके कांग्रेस छोड़ने या भाजपा में शामिल होने को लेकर असमंजस बना रहा था।
अपनी बागी विधायक के तेवरों को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा को उनकी सदस्यता समाप्त करने आवेदन दिया था। हालांकि विधायक के दल-बदल को लेकर निर्णय नहीं हो सका था। बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा से पत्र खोने के बाद विधायक सप्रे की सदस्यता समाप्त करने हाईकोर्ट में अपील की है। फिलहाल उस पर सुनवाई जारी है।
सत्र से दूरी, विकास यात्रा में सक्रिय
सोमवार को विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। इसको लेकर एक बार फिर कांग्रेस अपनी बागी विधायक को लेकर सक्रिय हो गई है। नेता प्रतिपक्ष पहले ही निर्मला सप्रे को विपक्ष में स्थान देने से इंकार कर चुके हैं। बार-बार उठ रहे सवालों पर विधायक भी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही हैं। हालांकि वे कांग्रेस से त्यागपत्र देने से इंकार कर चुकी हैं। इस कारण मामला अधर में है। जबकि बीजेपी से नजदीकी को देखते हुए कांग्रेस उनकी सदस्यता समाप्त कराने पर अड़ी हुई है। कांग्रेस के विरोध को देखते हुए शीतकालीन सत्र में बीना विधायक की उपस्थिति को लेकर असमंजस बना हुआ है। वे सोमवार को विधानसभा पहुंचेंगी या नहीं ये भी साफ नहीं है। उधर रविवार को दिनभर विधायक अपना मोबाइल फोन बंद किए रहीं। उनके साथियों के अनुसार विधायक निर्मला सप्रे क्षेत्र में निकाली जा रही विकास यात्रा में शामिल रहेंगी। वे इस दौरान आगासौद के नजदीक पुरैना और बेसरा पंचायतों में ग्रामीणों के बीच पहुंचेगी। इसलिए फिलहाल सत्र के पहले दिन विधानसभा नहीं जाएंगी।