इंदौर में सत्यनारायण सत्तन ने मंत्री कैलाश पर साधा निशाना, बोले- उनका क्षेत्र है तो पता ही होगा उन्हें
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने खुलकर अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस योजना के खिलाफ हैं जो जनविरोधी है।
इंदौर के मेट्रो प्रोजेक्ट में बनने वाले दो अंडरग्राउंड स्टेशनों को लेकर क्षेत्र के रहवासियों ने मोर्चा खोल दिया है। खास बात यह है कि इसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन भी शामिल हैं। वे भी अपनी ही पार्टी की सरकार के प्रोजेक्ट को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। सत्तन ने तो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को लेकर भी कहा कि ऐसा तो नहीं है कि इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं होगी। उनका ही क्षेत्र है तो उन्हें तो इसकी जानकारी होगी ही। उनका कहना है कि इस प्रोजेक्ट से स्थानीय लगभग 300 परिवारों पर संकट खड़ा हो जाएगा। कई परिवारों का रोजगार ही इन घरों पर निर्भर है।
अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ खुलकर बोले
मल्हारगंज के टोरी कॉर्नर के पास आयोजित इस धरना प्रदर्शन में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन ने खुलकर अपनी ही पार्टी की सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि उस योजना के खिलाफ हैं जो जनविरोधी है। यह योजना जनता के जीवन को संकट में डाल रही है। सत्तन ने इंदौर के प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रीजी को इस बात की जानकारी नहीं है, ये कहना गलत होगा। जब उनका क्षेत्र है तो उनकी जिम्मेदारी भी बनती है। ऐसे मामलों में मंत्री को खुद आगे आकर समाधान निकालना चाहिए। यदि वे सावधान और सचेत नहीं हैं तो जनता का भरोसा कमजोर होता है।
वरिष्ठ नेता सत्तन ने बीजेपी पर तंज कसा और कहा कि हम मेट्रो स्टेशन का विरोध कर रहे हैं। सरकर के खिलाफ धरने पर नहीं बैठे हैं। सरकार की योजना के खिलाफ बैठे हैं। जो सरकर की योजना से जनहानि और जनता के वित्त की हानि हो रही है और जो पुरातत्त्व ढांचा बिगड़ रहा है। उसके लिए समाधान की कार्यवाही करने के निर्णय लेने के लिए बैठे हैं। 45 मकान मेट्रो की जद में आ रहे हैं। जिसमें 300 परिवार क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। यहां पर लोगों का रोजगार इसी से चलता है। उनके रोजगार खत्म हो जाएंगे। बेरोजगारी बढ़ जाएगी और वह विस्थापित हो जाएंगे। अपने घर से भी जाएंगे आपने व्यवसाय से भी जाएंगे। सब तरह की हानि पहुंचाकर समाज के सुख की कल्पना करना यह सरकर का दायित्व है।
उन्होंने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है और आवश्यकता ही नहीं होती है। क्योंकि उनके क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों के प्रति उनका ही उत्तरदायित्व बनता है। उत्तरदायित्व का निर्वहन करने के लिए मंत्री को सदैव सावधान और सचेत रहना चाहिए। अगर वह सचेत सावधान नहीं रहते तो जनता का विश्वास उनके प्रति खत्म होता है। हम निश्चिंत है कि इस समस्या का सामाधन खोज निकालेंगे। धरने पर जन भावनाएं बैठी हुई है। जनता के बीच के लोग हैं। बीजेपी कार्यकर्ता होने के साथ-साथ व्यवस्था के साथ भी हैं। जो अव्यवस्था है उसे सुधारने की कामना हम सक्षम लोगों से करना चाहते हैं।
शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर विरोध तेज होता जा रहा है। बड़ा गणपति से मल्हारगंज के छोटा गणपति तक बनने वाले दो अंडरग्राउंड स्टेशन क्षेत्रीय जनता के लिए संकट बनकर सामने आ रहे हैं। इन स्टेशनों की जद में आने वाले 45 से ज्यादा मकानों को हटाया जा सकता है, जिससे करीब 300 से ज्यादा परिवारों का जीवन प्रभावित होगा। यही नहीं, कई परिवारों का रोजगार भी उन्हीं मकानों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मेट्रो की ये योजना उज्ज्वल भविष्य के बजाय उजड़े आशियानों की बुनियाद बन सकती है। धरना दे रहे महंत कॉम्प्लेक्स और आसपास के रहवासियों का कहना है कि मेट्रो स्टेशनों के बीच की दूरी काफी कम रखी गई है।