इंदौर की लैब की फर्जी रिपोर्ट बना उज्जैन की दवा कंपनी दानिश हेल्थकेयर ने कर दी लाखों की पैरासिटामोल टैबलेट सप्लाई

क्वेस एनालिटिकल सर्विसेस प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर आदर्श कटियार ने फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के लायसेंसिंग अथॉरिटी, सीडीएससीओ इंदौर और मुंबई, एनएबीएल लैब को उज्जैन की दवा कंपनी दानिश हेल्थ केयर प्रा.लि. के संबंध में शिकायत की है।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में स्थित दवाओं की टेस्टिंग करने वाली क्वेस्ट लेबोरेटरीज प्रा.लि लैब की फर्जी रिपोर्ट बनाकर उज्जैन की दवा कंपनी दानिश हेल्थ केयर प्रा.लि. ने लाखों का खेल बाले–बाले कर दिया। उज्जैन की इस कंपनी ने लाखों की जेन्कोपारा पेरासिटामोल टैबलेट दवाओं को ना केवल गुजरात की कंपनी जेनको लाइफ सांइस को बेच दिया, बल्कि वहां से अरब देशों में एक्सपोर्ट भी कर दिया गया है। बताया गया कि पैरासिटामोल टैबलेट के सैंपल जांच में फेल हो गए थे। इसकी शिकायत जब एफडीए और सीडीएसओ को हुई तो मामले का खुलासा हुआ है। दवा कंपनी ने कुल 16 बैच के फेल सैंपल की नई फर्जी रिपोर्ट तैयार करके माल बेच दिया है। 

पैरासिटामोल टैबलेट की 16 फर्जी रिपोर्ट बनाई

क्वेस एनालिटिकल सर्विसेस प्रा.लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर आदर्श कटियार ने फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट के लायसेंसिंग अथॉरिटी, सीडीएससीओ इंदौर और मुंबई, एनएबीएल लैब को उज्जैन की दवा कंपनी दानिश हेल्थ केयर प्रा.लि. के संबंध में शिकायत की है। कटियार ने इसमें कहा है कि कंपनी ने जेन्कोपारा पैरासिटामोल टैबलेट की 16 फर्जी रिपोर्ट तैयार की और उसे गुजरात के एक्सपोर्टर जेन्को लाइफ साइंस को सबमिट भी कर दिया। इन्हीं फर्जी रिपोर्ट के आधार पर दवाओं को अरब देशों में एक्सपोर्ट भी कर दिया गया है।

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यह शिकायत की अफसरों को

 

जांच में फेल हो गई थी दवाएं

लैब के अफसरों ने बताया कि दानिश हेल्थकेयर कंपनी की दवाओं की टेस्टिंग उन्हीं की लैब में की जाती है। पिछले दिनों ये दवाओं के बैच भी टेस्ट होने के लिए उनके पास आए थे। इनके कुल 16 बैच टेस्टिंग में फेल हो गए। इसकी रिपोर्ट भी दानिश हेल्थ केयर को उपलब्ध करवा दी गई थी। कटियार ने आरोप लगाया है कि दवा कंपनी ने अपनी दवाओं को एक्सपोर्ट करने के लिए उन्हीं फेल बैच की रिपोर्ट से छेड़छाड़ की। उन्होंने पीडीएफ में छेड़छाड़ कर फर्जी रिपोर्ट तैयार की जिसमें सभी सैंपल पास होना दिखाया गया। इसके बाद उन्हीं रिपोर्ट्स को कंपनी ने गुजरात की एक्सपोर्टर कंपनी जेन्को लाइफ साइंस को सबमिट भी कर दिया।

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शिकायत में लगाई फर्जी रिपोर्ट की कॉपी

क्वास एनालिटिकल कंपनी की तरफ से की गई शिकायत के साथ उन फर्जी रिपोर्ट को भी लगाया गया है, जो कि उनके मुताबिक दानिश हेल्थ केयर ने तैयार की है। साथ ही उनकी लैब से जारी की गई सही रिपोर्ट की पीडीएफ भी लगाई गई है। उज्जैन की दानिश हेल्थ केयर कंपनी कुल 27 तरह की दवाओं का निर्माण कर सप्लाई करती है। इसकर दवाएं अधिकतर अरब देशों में सप्लाई होती हैं। 

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इस तरह से फर्जी रिपोर्ट की तैयार

 

यह कहना है दवा कंपनी का

दानिश हेल्थकेयर प्रा.लि. के डायरेक्टर कासिम अली का कहना है कि क्वेस्ट लैब ने जो शिकायत की है उसमें उनको कुछ कन्फ्यूजन है उसे जल्दी ही क्लीयर कर लिया जाएगा। लैब की तरफ से की गई शिकायत में जिन रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है वह हमारे द्वारा तैयार नहीं की गई हैं। हमारे पास उसी लैब की रिपोर्ट्स हैं जो कि सही हैं। डिपार्टमेंट अगर जांच करेगा तो सबकुछ क्लीयर हो जाएगा। हमने एक्सपोर्टर जो माल दिया है वह सही दिया है और एनालिसिस रिपोर्ट भी सही लगाए हैं। उन्होंने बताया कि एक ही माल की दो रिपोर्ट बनी हैं। जिस रिपोर्ट को क्वेस्ट लैब द्वारा फर्जी बताया जा रहा है उसका दानिश कंपनी से कोई लेना–देना नहीं है। वहीं, क्वेस्ट लैब द्वारा जारी की गई रिपोर्ट को भी हम झुटला नहीं रहे हैं। हम जांच एजेंसियों के सामने सारी सच्चाई रखेंगे। हालही में एफडीए से हमें नोटिस भी मिला है। उन्होंने हमसे सारे दस्तावेज दिखाने के लिए कहा है। हम सीडीएसओ के अफसरों को सारे सबूत देंगे।

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कर्नाटक सरकार ने वापस बुलवाई दवाएं

इंदौर की फार्मा कंपनियों की हालही में एक और टेस्ट रिपोर्ट सामने आई है। इसमें इंदौर की 3 दवा कंपनियां अल्पा लेबोरेटरीज, रसोमा लेबोरेटरीज और मॉर्डन लेबोरेटरीज, एक कंपनी खरगोन की आईएचएल लाइफसाइंसेज सहित कुल 8 दवा कंपनियों की 9 दवाईयां स्टेरिलिटी परीक्षण (स्वच्छता जांच) में फेल हो गई है। यह टेस्ट कर्नाटक में सप्लाई की गई दवाओं से लिए गए सैंपल से किए थे। इसकी रिपोर्ट आने के बाद कर्नाटक सरकार ने दवा कंपनियों को लेकर आड़े हाथाें लेते हुए उनकी दवाईयों को पूरे भारत से वापस बुलाने की मांग केंद्र सरकार से की है।

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मॉर्डन के ही सैंपल लगातार हो रहे फेल

कुछ दिन पूर्व ही द सूत्र ने इंदौर की 7 दवा कंपनियां की 16 जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर प्रकाशित की थी। उसमें बताया था कि इनके सैंपल मई, जून, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी महीने में फेल हुए हैं। ये सभी सैंपल नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) के मिले हैं। इसमें दो कंपनियां मॉडर्न लेबोरेट्रीज और नंदिनी मेडिकल लेबोरेट्रीज के सबसे ज्यादा 10 सैंपल हैं जो कि फेल हुए हैं। वहीं, जेनेथ फार्मा और सिंडिकेट तो ऐसी हैं जिनकी एक ही दवाई के अलग–अलग बैच नंबर के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। 

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सेंट्रल अथॉरिटी की लगातार सैंपलिंग में खुली पोल

असल में देशभर में बन रही और बिक रही दवाईयों की सैंपलिंग को लेकर सेंट्रल ड्रग अथॉरिटी निगरानी रखती है। निरंतर नियामक निगरानी के तहत दवाओं के नमूने बिक्री/वितरण बिंदु से एकत्र किए जाते हैं। उनका विश्लेषण किया जाता है और मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं (NSQ) पाई गई दवाओं की सूची हर महीने CDSCO पोर्टल पर प्रदर्शित की जाती है। इसी सूची में इंदौर की दवा कंपनियों के सैंपल लगातार फेल होते दिख रहे हैं। NSQ सूची प्रदर्शित करने का उद्देश्य हितधारकों को बाजार में पाए गए दवाओं के NSQ बैचों के बारे में जागरूक करना है।

 

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