अल्पा, रसोमा और मॉडर्न कंपनी की दवाएं टेस्ट में फेल, कर्नाटक सरकार ने वापस बुलाने का कहा

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने हाल ही में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य की प्रयोगशालाओं में स्टेरिलिटी परीक्षण (स्वच्छता जांच) में फेल होने के बाद 9 फार्मास्युटिकल कंपनियों के उत्पादों को बाजार से वापस लिया जाए।

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Vishwanath singh
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इंदौर की फार्मा कंपनियों की बड़ी संख्या में दवाएं लगातार देशभर के अलग-अलग हिस्सों में टेस्ट में फेल होती जा रही हैं। इसी कड़ी में एक और टेस्ट रिपोर्ट सामने आई है इसमें इंदौर की 3 दवा कंपनियां अल्पा लेबोरेटरीज, रसोमा लेबोरेटरीज और मॉडर्न लेबोरेटरीज, एक कंपनी खरगोन की आईएचएल लाइफसाइंसेज सहित कुल 8 दवा कंपनियों की 9 दवाईयां स्टेरिलिटी परीक्षण (स्वच्छता जांच) में फेल हो गई है। यह टेस्ट कर्नाटक में सप्लाई की गई दवाओं से लिए गए सैंपल से किए थे। इसकी रिपोर्ट आने के बाद कर्नाटक सरकार ने दवा कंपनियों को लेकर आड़े हाथाें लेते हुए उनकी दवाईयों को पूरे भारत से वापस बुलाने की मांग केंद्र सरकार से की है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व ही द सूत्र ने इंदौर की ही 7 दवा कंपनियों के 16 सैंपल फेल होने की खबर प्रकाशित की थी। उसमें भी इसी मॉर्डन लेबोरेटरीज के कई सैंपल फेल हुए थे।

केंद्र सरकार को लिखा पत्र सीडीएससीओ से कराए जांच

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने हालही में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य की प्रयोगशालाओं में स्टेरिलिटी परीक्षण (स्वच्छता जांच) में फेल होने के बाद 9 फार्मास्युटिकल कंपनियों के उत्पादों को बाजार से वापस लिया जाए। गुंडुराव ने केंद्र से अनुरोध किया कि वह केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से उन फार्मास्युटिकल कंपनियों के उत्पादों का निरीक्षण कराए, जिनकी दवाएं परीक्षण में फेल हुई हैं। साथ ही यह भी जांच की जाए कि ये कंपनियां गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज (GMP) का पालन कर रही हैं या नहीं।

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स्टेरिलिटी टेस्ट में फेल हो गई दवाएं

उन्होंने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखकर जानकारी दी कि 1 जनवरी से 16 फरवरी के बीच राज्य की प्रयोगशालाओं में की गई जांच में 9 फार्मा कंपनियों की इंजेक्टेबल दवाएं स्टेरिलिटी टेस्ट (स्वच्छता जांच) में फेल हो गईं। गुंडुराव ने नड्डा को लिखे पत्र में इन दवाओं के बैच नंबर और अन्य विवरण भी साझा किए हैं।

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पश्चिम बंगाल की दूषित दवाओं से हुई गर्भवतियों की मौत

गुंडुराव ने अपने पत्र में पश्चिम बंगाल की पश्‍चिम बंगा फार्मास्युटिकल्स की दूषित इंजेक्टेबल दवाओं का जिक्र नहीं किया है, जबकि इन्हीं दवाओं के कारण कर्नाटक के बल्लारी जिले में पांच गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई थी।

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दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लागने की मांग

लैब रिपोर्ट मिलने के बाद, गुंडुराव ने कर्नाटक में इन दवाओं को बाजार से वापस लेने का आदेश दिया। गुंडुराव ने कहा कि, "संभावना है कि इन कंपनियों द्वारा निर्मित दूषित दवाएं अन्य राज्यों में भी बेची जा रही हैं। इंजेक्टेबल दवाओं का उपयोग गंभीर देखभाल (acute care) में किया जाता है, इसलिए वे मरीजों के लिए अधिक जोखिमपूर्ण होती हैं।" उन्होंने केंद्र सरकार से पूरे देश में इन दवाओं को बाजार से वापस लेने और तब तक इन कंपनियों की दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया, जब तक कि CDSCO द्वारा उनका निरीक्षण करके यह पुष्टि न कर दी जाए कि वे GMP का पालन कर रही हैं।

स्टेरिलिटी टेस्ट में ये दवाएं हुई फेल

1. डाइक्लोफेनाक सोडियम इंजेक्शन IP

निर्माता: अल्पा लेबोरेटरीज, इंदौर, मध्य प्रदेश

बैच नंबर: AV3396

2. डेक्सट्रोज इंजेक्शन IP 25% W/V D25

निर्माता: रसोमा लेबोरेटरीज, इंदौर, मध्य प्रदेश

बैच नंबर: P240625

3. पिपरासिलीन इंजेक्शन IP

निर्माता: मॉडर्न लेबोरेटरीज इंदौर, मध्य प्रदेश

बैच नंबर: PTI4412

4. मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन IP 100ml

निर्माता: IHL लाइफसाइंसेज, खरगोन, मध्य प्रदेश

बैच नंबर: 4NS401 49

5. मेट्रोनिडाजोल इंजेक्शन IP 100ml

निर्माता: फार्मा इम्पेक्स लैबोरेटरीज, पश्चिम बंगाल

बैच नंबर: 2408A0235

6. फ्रूसेमाइड इंजेक्शन IP 2ml (Frulix 10mg)

निर्माता: पाकसन्स फार्मास्युटिकल्स, बहादुरगढ़, हरियाणा

बैच नंबर: P23L230

7. कैल्शियम ग्लूकोनेट इंजेक्शन IP 10%

निर्माता: मैसर्स रीजन लैबोरेटरीज, हिसार

बैच नंबर: ICGI413

8. ओन्डान्सीट्रोन इंजेक्शन IP 2ml

निर्माता: मैसर्स रीजन लैबोरेटरीज, हिसार

बैच नंबर: IOSI430

9. एस्ट्रोपिन सल्फेट इंजेक्शन IP 1ml

निर्माता: मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंस प्रा. लिमिटेड

बैच नंबर: MA24B118

दवा फेल की जानकार का सेंट्रलाइज सिस्टम बने

गुंडुराव ने नड्डा को सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को सभी राज्यों और केंद्रीय योगशालाओं के लिए एक प्रणाली बनानी चाहिए, जिससे गुणवत्ता परीक्षण में फेल दवाओं को लेकर एक-दूसरे को अलर्ट भेजा जा सके। खासकर उन दवाओं के लिए, जो मरीजों के लिए गंभीर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दूषित दवाओं को मरीजों तक पहुंचने से पहले आपूर्ति श्रृंखला से हटाने के लिए निर्माता से बिक्री रिकॉर्ड साझा करने की कानूनी व्यवस्था होनी चाहिए।

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मॉडर्न की दवाएं पहले भी हो चुकी हैं फेल

कुछ दिन पूर्व ही द सूत्र ने इंदौर की 7 दवा कंपनियां की 16 जीवनरक्षक दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर प्रकाशित की थी। उसमें बताया था कि इनके सैंपल मई, जून, अगस्त, अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी महीने में फेल हुए हैं। ये सभी सैंपल नॉन स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) के मिले हैं। इसमें दो कंपनियां मॉडर्न लेबोरेट्रीज और नंदिनी मेडिकल लेबोरेट्रीज के सबसे ज्यादा 10 सैंपल हैं जो कि फेल हुए हैं। वहीं, जेनेथ फार्मा और सिंडिकेट तो ऐसी हैं जिनकी एक ही दवाई के अलग-अलग बैच नंबर के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। 

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फार्मा के अवॉर्ड कार्यक्रम में आ चुके हैं ड्रग कंट्रोजर जनरल

इंदौर में कुछ दिन पूर्व फार्मा कंपनियों द्वारा एक अवॉर्ड कार्यक्रम का आयोजन इंडियन ड्रग मेन्यूफेक्चरिंग एसोएिशन के मप्र चेप्टर के प्रेसीडेंट और अल्पा लेबोरेटरीज के एमडी परेश चावला द्वारा किया गया था। इसमें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भी अतिथि के रूप में बुलाया था। यह अवॉर्ड कार्यक्रम मुख्य रूप से क्वालिटी ऑफ मेडिसीन को लेकर आयोजित किया था। इसमें फार्मा कंपनियों से जुड़े कई लोगों को अवॉर्ड भी दिए गए थे। इस कार्यक्रम में मप्र चेप्टर के सदस्य और रसोमा लेबोरेटरीज के डायरेक्टर तपन शर्मा और मॉर्डन लेबोरेटरीज के डायरेक्टर अनिल खरिया भी मौजूद थे।

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यह कहना है जिम्मेदारों का

- अल्पा लेबोरेटरीज के एमडी परेश चावला का कहना है कि यह टेस्ट बेक्टीरिया और फंगस के लिए किया जाता है। हमारे सैंपल तो पास हुए हैं। अभी तक कोई कैज्यूएल्टी नहीं हुई है। ड्रग एंड कॉस्मेटिक टेस्ट में नियम है कि इस रिपोर्ट को हम चैलेंज कर सकते हैं। तो इसमें भी हमने ड्रग इंस्पेक्टर को लिख दिया है कि इस सैंपल की दोबारा जांच करवाई जाए। लैब की रिपोर्ट आने के बाद ही हम कुछ कह पाएंगे। वैसे भी जब यह सैंपल टेस्ट किए गए होंगे तो उस समय किस वातावरण में यह टेस्टिंग की गई है यह भी देखा जाना आवश्यक होता है। कर्नाटक की रिपोर्ट आने के तत्काल बाद ही हमने अपने डीलर्स को पत्र लिखकर दवाई वापस बुलवाने का कहा था। लेकिन हमें सभी जगह से जवाब मिला कि सभी दवाई बिक चुकी है। 

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- रसोमा लेबोरेटरीज के डायरेक्टर तपन शर्मा का कहना है कि यह अभी प्रक्रिया है। इसके लिए हमने कोलकाता की लैब में टेस्ट करने के लिए चैलेंज किया है। हमें पूरा विश्वास है कि वह दवाई टेस्ट में पाए हो जाएगी।

- मॉडर्न लेबोरेटरीज के डायरेक्टर अनिल खरिया को जब खबर में पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो उन्हाेंने कह दिया आप अपने सवाल ई-मेल कर दीजिए। हम इसके जवाब ई-मेल के जरिए आपको देंगे। ई-मेल करने के बाद खरिया को मैसेज भी किया कि जवाब भेज दें, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला था।

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