/sootr/media/media_files/2024/12/17/SSnEcqBWCOrGycmtDQ2D.jpg)
INDORE : पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के बेटे मिलिंद महाजन के शोरूम पर मंगलवार, 17 दिसंबर शाम को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे। यहां उन्होंने काफी देर महाजन से घटना को लेकर जानकारी ली। सात दिसंबर को बीजेपी नेता प्रताप करोसिया के भतीजे सौरभ करोसिया ने अपने साथियों के साथ शोरूम पर तोड़फोड़ की थी और साथ ही महाजन के पोते सिदार्थ महाजन को भी पीटा था और मैनेजर व गार्ड के साथ भी मारपीट की थी। इस घटना में शुरू से ही विजयवर्गीय ताई के साथ खड़े दिख रहे है लेकिन वहीं उनकी कैबिनेट के साथी मंत्री प्रहलाद पटेल करोसिया परिवार के साथ हैं।
मंत्री पटेल ऐसे करोसिया परिवार के साथ
शनिवार 14 दिसंबर को मंत्री प्रहलाद पटेल करोसिया के परिवार में मुलाकात के लिए गए। वहां उन्होंने प्रताप के भाई राजेश करोसिया की फोटो पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राजेश करोसिया का करीब तीन माह पहले निधन हो गया था। प्रहलाद पटेल शुरू से ही करोसिया के करीबी रहे हैं, खासकर राजेश और उनके बेटे करण जो खुद भी बीजेपी में हैं उनसे जुड़े हुए हैं। पटेल करोसिया के निधन के समय आ नहीं सके थे इसलिए वह उनके यहां श्रृंद्धाजलि देने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पूरे करोसिया परिवार के साथ समय बिताया। जिस समय करोसियो के लेकर एक धड़ा बीजेपी में विरोध में आ चुका है वहीं ऐसे समय पटेल उनके यहां गए थे। वहीं इस दौरान उन्होंने ताई महाजन से या उनके बेटे मिलिंद महाजन से किसी तरह की मुलाकात नहीं की।
ये खबर भी पढ़ें...
सुमित्रा महाजन के परिवार के हमलावरों पर फिर मेहरबां पुलिस, 42 कदम में जुलूस खत्म
सुमित्रा ताई को मिला भाई विजयवर्गीय का साथ, CP से मिले प्रतिनिधि
मंत्री विजयवर्गीय ने इस तरह दिया साथ
उधर मंत्री विजयवर्गीय ने इस घटना में शुरू से ही ताई का साथ दिया। घटना के बाद जब ताई समर्थक समाज, संगठन पुलिस कमिशनर संतोष सिंह से मिलने के लिए पहुंचे थे, तब इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने सीपी को फोन किया था। इस दौरान उन्होंने इस मामले में सीपी से सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। अब मंत्री विजयवर्गीय मिलिंद महाजन के शोरूम में पहुंचे और उनके साथ खड़े होने का एहसास दिलाया।
सभी आरोपी आ चुके हैं जेल से बाहर
सात दिसंबर को सौरभ करोसिया व अन्य साथियों ने मिलिंद महाजन के शोरूम पर बिना पेमेंट के ही गाड़ी ले जाने की जिद की और इस दौरान मैनेजर भूषण दीक्षित और ताई के पोते सिदार्थ के साथ मारपीट की। शोरूम के कांच पत्थर फेंककर फोड़े। फिर गार्ड गणेश दुबे ने रोकने की कोशिश की तो उस पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की और भाग गए। बाद में मामला तूल पकड़ा तो फिर पुलिस ने सभी पर धाराएं बढ़ाई और गिरफ्तार की। लेकिन कोर्ट में इन सभी की जमानत पर कोई आपत्ति ही नहीं ली गई और जेल से सभी रिहा हो गए। इसके पहले राजमोहल्ला में पुलिस आरोपियों को लेकर जुलूस निकालने के लिए गई थी लेकिन करोसिया परिवार के विरोध से दबाव में आकर 42 कदम चलाकर ही लौट गई।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक