इंदौर के CHL CBCC कैंसर अस्पताल के डॉक्टर की गंभीर लापरवाही सामने आई है। इससे एक युवक को केवल इन्फेक्शन था जिसके कारण उसे बुखार आ रहा था। इस पर डॉक्टर विनय बोहरा ने उसे ब्लड कैंसर होना बताकर भर्ती किया और कीमो थैरेपी दे डाली। इससे युवक की हालत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मामले में युवक के परिजन न्याय के लिए कलेक्टर आशीष सिंह के पास पहुंचे और उन्हें सारा मामला बताया। इस पर उन्होंने एक कमेटी बनाकर मामले की जांच कराने के आदेश जारी किए हैं।
यह है पूरा मामला
महिदपुर निवासी गुरभेज सिंह और कमलजीत कौर ने आरोप लगाया है कि उनके लड़के जसमीत सिंह को इलाज के लिए सीएचएल सीबीसीसी कैंसर अस्पताल में भर्ती किया गया था। इस पर उन्होंने डॉ. विनय बोहरा को दिखाया था तो उन्होंने बेटे को ब्लड कैंसर होना बताते हुए 8 लाख रुपए का खर्च बताया था। इस पर उन्होंने बेटे को इलाज के लिए कैंसर अस्पताल में भर्ती कर दिया।
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दोगुने से ज्यादा रुपए जमा करवा लिए, नहीं हुआ ठीक
परिजनों ने आरोप लगाया है कि इलाज के नाम पर अस्पताल प्रबंधन ने कुल 19 लाख रुपए खर्च होना बता दिया। साथ ही कहा कि बेटे को ठीक होने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा। इस दौरान डॉक्टर की सलाह पर कीमो थैरेपी और बोन मैरो भी कराया, लेकिन बेटे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
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टाटा मेमोरियल गए तो पता चला कैंसर था ही नहीं
परिजनों ने कलेक्टर सिंह को बताया कि बेटे की तबियत ज्यादा बिगड़ी तो उन्हें परिवार के ही अन्य लोगाें ने सलाह दी कि वे एक बार मुंबई के टाटा मेमोरियल के डॉक्टरों को भी दिखा कर सलाह ले लें। इस पर वे रिपोर्ट लेकर सलाह के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल गए। वहां पर डॉक्टरों ने फाइल देखकर बताया कि बेटे को केवल इन्फेक्शन था, कैंसर नहीं था। उसे कीमोथैरेपी की जरूरत ही नहीं थी। इसी दौरान डॉ. विनय बोहरा विदेश चले गए और बेटे की तबियत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई।
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एमआईजी पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई
परिजनों ने बताया कि घटना के बाद डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर एमआईजी थाने में एफआईआर भी कराई गई। लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने कलेक्टर कार्यालय में शिकायत की है।
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टीम कर रही है जांच
सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या का कहना है कि कलेक्टर कार्यालय से मिले निर्देश के बाद जांच के लिए टीम गठित कर दी है। अब वह टीम इसकी जांच शुरू करेगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट कलेक्टर कार्यालय को सौंपी जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।