मध्य प्रदेश में भाजपा के क्लीन स्वीप ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में प्रदेश का वजन और मान बढ़ाया है। अभी तक मप्र के रहने वाले 3 से 4 सांसद ही केंद्र में मंत्री बनते थे, पर इस बार 5 को जगह मिली है। पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग का भी ध्यान रखा है। दलित चेहरे के तौर पर वीरेंद्र कुमार खटीक को तीसरी बार मंत्री बनाया गया है, जबकि आदिवासी चेहरों में फग्गन सिंह कुलस्ते की जगह दूसरी बार के दो सांसद दुर्गादास उइके और सावित्री ठाकुर को पहली बार मंत्रिमंडल में जगह मिली है। सावित्री धार से, जबकि उइके बैतूल से सांसद हैं। खटीक के जरिए बुंदेलखंड को साधने की कोशिश की है।
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सामान्य वर्ग की कैबिनेट में नो एंट्री !
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ओबीसी वर्ग से आते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी ओबीसी वर्ग से हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आदिवासी और ओबीसी के साथ दलित को मोदी सरकार में जगह मिल गई है, जबकि सामान्य वर्ग ( minister general category ) से किसी को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। जिससे कई तरह के सियासी अटकले लगाए जा रहे है। खबर है कि अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की स्थिति में सामान्य वर्ग को ही दोबारा मौका मिल सकता है। अभी वीडी शर्मा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं।
मोदी कैबिनेट में एमपी से ओबीसी, आदिवासी और दलित नेता शामिल
1.ज्योतिरादित्य सिंधिया, ओबीसी वर्ग
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2.वीरेंद्र कुमार खटीक, दलित वर्ग
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3.सवित्री ठाकुर, आदिवासी वर्ग
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4.दुर्गादास उइके, आदिवासी वर्ग
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