चुनाव हारने के 11 दिन बाद रामनिवास रावत ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा
भाजपा नेता रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वे मोहन सरकार में वन मंत्री थे। बुधवार 4 दिसंबर को उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
BHOPAL : चुनाव हारने के 11वें दिन बीजेपी नेता रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वे मोहन सरकार में वन मंत्री थे। बुधवार, 4 दिसंबर को उन्होंने सीएम डॉ.मोहन यादव को अपना इस्तीफा सौंपा। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए रामनिवास रावत को वन मंत्री बनाया गया था। पहले उन्होंने विधायक से इस्तीफा दिया। इसके बाद उनकी विजयपुर (श्योपुर) सीट पर उपचुनाव हुआ। इसमें कांग्रेस नेता मुकेश मल्होत्रा ने उन्हें हरा दिया। अब चुनाव नतीजों के 11वें दिन उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में अब मोहन सरकार में वन विभाग किसे मिलेगा, इस पर फिलहाल सस्पेंस बना हुआ है।
30 अप्रैल को बीजेपी में हुए थे शामिल
रामनिवास रात ने लोकसभा चुनाव से पहले 30 अप्रैल 2024 को बीजेपी का दामन थामा था। श्योपुर में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। इसके बाद उन्हें जुलाई 2024 में वन मंत्री बनाया गया था। इस पर भी बखेड़ा खड़ा हुआ था। तब नागर सिंह चौहान के पास वन विभाग था। यह विभाग लेकर रावत को दिए जाने पर नागर सिंह नाराज हो गए थे।
रावत के इस्तीफे के बाद मंत्रिमंडल से एक सदस्य कम हो गया है। मध्यप्रदेश अभी 28 मंत्रियों में से 18 कैबिनेट रैंक के हैं। छह राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं और चार राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव को मिलाकर 13 ओबीसी, 8 सामान्य, 5 एससी और 5 एसटी वर्ग से आते हैं।
मध्यप्रदेश में बनाए जा सकते हैं 34 मंत्री
230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में अभी मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के साथ दो उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला हैं। वहीं, कुल 28 मंत्री हैं। भारतीय संविधान के 91वें संशोधन अधिनियम, 2003 के तहत देश के किसी भी राज्य में मंत्रिपरिषद् के सदस्यों की संख्या उस राज्य की विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती है। लिहाजा, मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में सीएम सहित कुल 34 मंत्री हो सकते हैं।