MP NEWS: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जौरा कस्बे में शुक्रवार को एक जबरदस्त ब्लास्ट की खबर ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। यह हादसा इस्लामपुरा मोहल्ले में हुआ, जहां एक मकान की छत पूरी तरह उड़ गई और आसपास के कई घरों में गहरी दरारें आ गईं। चौंकाने वाली बात यह है कि यह धमाका जौरा थाने से केवल 500 मीटर की दूरी पर हुआ, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन को तत्काल जानकारी नहीं थी। विस्फोट इतना भीषण था कि लोगों को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौर का हमला लगने लगा, जिससे इलाके में भगदड़ की स्थिति बन गई।
कैसे हुआ हादसा?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मकान के छज्जे में अवैध रूप से पटाखा रखा गए था। तेज गर्मी के कारण इनमें स्वत:स्फोट हो गया, जिससे घर की छत के परखच्चे उड़ गए। ब्लास्ट से उत्पन्न कंपन से आस-पास के घरों की दीवारों में दरारें पड़ गईं। स्थानीय लोगों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचित किया। फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग को नियंत्रित किया।
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मोहल्ले में दहशत का माहौल
गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन पूरे मोहल्ले में भय और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसी अवैध गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा हादसा न हो।
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प्रशासन की प्रतिक्रिया और अगला कदम
स्थानीय प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि घर में इतनी बड़ी मात्रा में पटाखे क्यों और कैसे रखे गए। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह स्टोरेज बिना लाइसेंस और अनुमति के था, जो सुरक्षा मानकों का उल्लंघन है।
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हादसे की संवेदनशीलता
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि शहरी क्षेत्रों में अवैध विस्फोटकों का संग्रहण कितना खतरनाक हो सकता है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर सुरक्षा उपायों पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है।
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क्या है भारतीय कानून में पटाखों की स्टोरेज नीति?
भारतीय विस्फोटक अधिनियम के तहत, पटाखों को निर्धारित मात्रा और सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। उल्लंघन करने पर जेल और जुर्माना दोनों का प्रावधान है।