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इंदौर के कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज में पूर्व कांग्रेसी विधायक और अब बीजेपी नेता संजय शुक्ला की साख दाव पर लग गई है। अभी तक श्री कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी सभा इंदौर में निर्विरोध सभापति (अध्यक्ष) बन रहे शुक्ला के खिलाफ अब उनके ही करीबी मैदान में उतर आए हैं। मनचाहा पद नहीं मिलने से उनके ही दूर के रिश्तेदार विकास अवस्थी ने पैनल बनाकर चुनाव नामांकन दाखिल कर दिए हैं। चुनाव के लिए वोटिंग दो मार्च को सुबह 10 से 4 बजे तक है और रात हो ही रिजल्ट आ जाएगा। चुनाव में करीब 3 हजार 990 मतदाता है। चुनाव में संजय शुक्ला की साख दांव पर है। वहीं नजरें उनके चचेरे भाई गोलू शुक्ला के रूख पर भी है, वह क्या करेंगे, क्योंकि विरोध में उतरे विकास अवस्थी उनके खास हैं।
विरोधी अवस्थी विधायक गोलू के कट्टर समर्थक
उधर संजय के विधायक चचेरे भाई गोलू शुक्ला ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उनके रूख पर भी सभी की नजरें हैं कि वह किसकी और जाते हैं। अभी तक वह संजय शुक्ला के समर्थन में भी खुलकर नहीं आए हैं। कारण है कि विकास अवस्थी ने गोलू शुक्ला के लिए विधानसभा तीन में चुनाव का जिम्मा संभाला था। उस समय संजय शुक्ला भी कांग्रेस से इंदौर विधानसभा एक से चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि विकास संजय शुक्ला के लिए साल 2023 में ब्राह्मण सम्मेलन कर चुके हैं। लेकिन गोलू की जीत के बाद विकास उनके खास समर्थक हो गए। उधर पिता स्वर्गीय पंडित विष्णुप्रसाद शुक्ला के जनसंघ और बीजेपी से जुड़े होने के चलते विधायक रमेश मेंदोला सहित कांग्रेस और बीजेपी के कई नेता उधर संजय शुक्ला की ओर दिख रहे हैं।
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गोलू, संजय को लेकर यह बातें उठी
उधर चुनाव में विकास के उतरते ही संजय शुक्ला के समर्थक दुर्गेश शुक्ला और विकास अवस्थी के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। विकास अवस्थी ने पोस्ट डाली और कहा कि मैं 2023 में संजू भैय्या के लिए ब्राह्मण सम्मेलन करने के बाद विधानसभा चुनाव में गोलू भैय्या के क्षेत्र तीन में चला गया था। यही आपकी (दुर्गेश) आपकी पीड़ा है, अब गोलू भैय्या भी तो शुक्ला परिवार के ही हैं। आज शुक्ला परिवार का सम्मान केवल और केवल गोलू शुक्ला जी के कारण है और पूरे शहर और प्रदेश में है। उधर दुर्गेश ने कहा कि मामला चाहे सामाजिक हो या पारिवारिक आपकी फितरत है फूट डालने की, आप फिर घर फोड़ने में शुरू लग गए।
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इन पदों के लिए उतरी दो पैनल
संस्था में पंडित विष्णुप्रसाद शुक्ला के निधन के बाद से सभापति पद पर संजय शुक्ला आए थे। इस बार उनके करीबी विकास अवस्थी ने मंत्री पद की मांग की, लेकिन शुक्ला ने मना कर दिया और कमेटी मेंबर बनाने पर सहमति दी। इससे नाराज अवस्थी ने पारदर्शी पैनल बनाकर सभी पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। वहीं अब संजय शुक्ला ने भी पिता पंडित शुक्ला के सम्मान में बाबूजी पैनल बनाकर चुनाव में उम्मीदवार उतार दिए। इसमें वह खुद सभापति पद के लिए चुनावी मैदान में आए हैं। शुक्ला की पैनल बाबूजी का चुनाव चिन्ह कलश है और अवस्थी की पारदर्शी पैनल का चिन्ह शंख है।
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इन पदों के लिए यह उम्मीदवार
सभापति पद के लिए
- संजय शुक्ला VS अरविंद मिश्रा
मंत्री पद के लिए
- अनूप वाजपेयी VS विकास अवस्थी
उपमंत्री पद के लिए
- अर्चना अवस्थी VS उमेश पांडे
उपसभापति पद के लिए (तीन पद)
- संजय शुक्ला की पैनल से - राजेश्वरी तिवारी, सुरेंद्र वाजपेयी और सुलेखा शुक्ला
- विकास अवस्थी की पैनल से - उमाशंकर पांडे, कमलेश पांडे और जगदीश दीक्षित
कोषाध्यक्ष पद के लिए
- यूके दीक्षित VS अखिलेश त्रिपाठी
कार्यकारिणी के कुल 14 पदों के लिए उम्मीदवार
संजय शुक्ला की पैनल से:
- अनिल दुबे, आनंद मिश्रा, ओमप्रकाश शुक्ला, उमाशंकर चतुर्वेदी, दीपक शुक्ला, प्रकाश वाजपेयी, प्रकाश मिश्रा, रामचंद्र दुबे, विभूति शुक्ला, वंदना शुक्ला, सच्चिदानंद द्विवेदी, सतीश पांडेय, सतीश दुबे, सुनीता तिवारी
विकास अवस्थी की पैनल से:
- आलोक दीक्षित, आशुतोष दुबे, गायत्री शुक्ला, गीता वाजपेयी, गौरव द्विवेदी, नीलेश तिवारी, पवन शुक्ला, प्रमोद अवस्थी, रमेश मिश्रा, लोकेशचंद्र वाजपेयी, संतोष शुक्ला, संस्कार पांडे, संतोष तिवारी, संतोष मिश्रा
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