आखिर मऊगंज हिंसा पर रीवा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने ऐसा क्या कहा मचा बवाल, जानिए

रीवा जिले से बसपा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल के बयान ने मऊगंज हिंसा पर विवाद खड़ा कर दिया है, जिसके चलते सोशल मीडिया पर उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के रीवा जिले से बसपा के पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल का हाल ही में दिया गया बयान विवादों में आ गया है। बता दें कि यह बयान मऊगंज की हिंसक घटना से जुड़ी हुई है, जिसने दिल्ली से लेकर एमपी तक विवाद खड़ा कर दिया है। इस बयान ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचाई, बल्कि जातीय तनाव को भी हवा दी है। तो चलिए, हम जानते हैं इस विवाद के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।

बयान पर बवाल

दरअसल, दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित जाति जनगणना पर एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद बुद्धसेन पटेल ने मऊगंज जिले के गडरा गांव में 15 मार्च को हुई हिंसा को स्वाभिमान से जोड़ा। उन्होंने कहा कि अशोक कोल की मौत के बाद उसके समर्थकों में आत्मसम्मान का ज्वाला जागृत हुआ और आदिवासियों ने एक टीम बनाकर हत्या करने वाले के घर पर हमला किया और पुलिस पर भी हमला किया, जिसमें एक ब्राह्मण पुलिसकर्मी की जान चली गई। इस घटना में दो ब्राह्मण और एक कोल की मौत हुई। बुद्धसेन पटेल ने उस कोल को धन्यवाद दिया, जिसने अपने मान-सम्मान के लिए यह कदम उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि अब सहन करने का समय नहीं है।

जाति जनगणना के मुद्दे पर भी उन्होंने कुछ ऐसी बातें कीं, जिन पर विवाद उत्पन्न हो सकता है, लेकिन मऊगंज की हिंसा से संबंधित उनके बयान ने सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित किया है। सोशल मीडिया पर लोग इस बयान की तीखी आलोचना कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इस तरह के बयान से जातीय संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, कई लोग सोशल मीडिया के जरिए एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं।

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पुलिस की निगरानी

डीजीपी कैलाश मकवाना ने मऊगंज हिंसा के बाद निर्देश दिए थे कि सोशल मीडिया पर भी पुलिस की निगरानी रखी जाए। इसके अलावा, मऊगंज हिंसा से संबंधित बयानबाजी को लेकर कई एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है।

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पूर्व सांसद की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद, बुद्धसेन पटेल ने सफाई दी कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा कि यह बयान केवल जाति जनगणना के विषय पर पूछे गए सवालों का जवाब था और इसे गलत संदर्भ में नहीं लिया जाना चाहिए।

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