मुगलों का खजाना ढूंढने किले के पास रातभर खुदाई कर रहा पूरा गांव

बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ किले के पास मुगलों के खजाने की अफवाह के बाद, पूरा गांव रात-रात भर खेतों में खुदाई करने में जुटा है। लोग टॉर्च की रोशनी में खुदाई करते हुए सोने के सिक्कों की खोज कर रहे हैं… 

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Raj Singh
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मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले के असीरगढ़ किले (Asirgarh Fort) के पास एक बार फिर मुगलों के खजाने को लेकर अफवाहें गरमा गई हैं। तीन दिनों से, सैकड़ों ग्रामीण रात के अंधेरे में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में खेतों में खुदाई कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि असीरगढ़ किले के पास खेतों में मुगलों के समय के सोने के सिक्के दबे हुए हैं। यह अफवाह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और ग्रामीणों में खजाने की तलाश के लिए होड़ मच गई।

लोगों का दावा

वहीं कुछ लोगों का दावा है कि उन्हें पुराने मुगल काल के सिक्के मिले हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में लोग खेतों में गड्ढे खोदते और सिक्के ढूंढते हुए दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि इस तरह के प्रयास पहले भी किए गए थे। चार महीने पहले भी यहां सोने के सिक्कों की खबर फैली थी, जिसके बाद ग्रामीणों ने खेतों की खुदाई शुरू कर दी थी।

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पुलिस भी हुई सक्रिय

निंबोला थाना पुलिस ने जब गुरुवार को मौके पर जांच की, तो खेतों में गड्ढे तो मिले, लेकिन किसी तरह के सिक्के या खजाने का कोई निशान नहीं मिला। पुलिस ने इसे अफवाह मानते हुए जांच शुरू की है। जिला एसपी देवेंद्र पाटीदार ने कहा, "हम इस मामले की पूरी जांच करवा रहे हैं और अगर कोई गलत तरीके से खुदाई करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"

इधर ग्रामीणों का दावा- सोने के सिक्के निकल रहे हैं

असीरगढ़ गांव के वसीम खान ने दावा किया कि हारून शेख (Haroon Sheikh) के खेत में मुगलों के सोने के सिक्के निकल रहे हैं। लोग शाम 7 बजे से खेतों में जुटने लगते हैं और सुबह 3 बजे तक खुदाई करते रहते हैं। हालांकि, इन दावों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। खुदाई में आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जैसे टॉर्च और खुदाई के अन्य औजार।

असीरगढ़ किला और मुगलों का कनेक्शन

असीरगढ़ किला मुगलों के समय में एक महत्वपूर्ण स्थल था। इतिहासकारों के अनुसार, उस समय लोग अपनी दौलत को जमीन में छिपा देते थे, यही कारण था कि यहां पहले भी सिक्कों की खबरें आई थीं। हालांकि, अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि जो सिक्के मिले हैं, वे सच में मुगलों के सोने के सिक्के हैं या कोई और चीज है।

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फिल्म "छावा" का कनेक्शन

यह घटना फिल्म छावा (Chhava) से जुड़ी एक दिलचस्प कनेक्शन की याद दिलाती है। फिल्म छावा में एक ऐतिहासिक संदर्भ के तहत खजाने की खोज और उसके आसपास की अफवाहों को दिखाया गया था, जो मुगलों के समय से संबंधित थी। फिल्म में असीरगढ़ किले में सैनिकों द्वारा कीमती सामान को छुपाने की घटना को दर्शाया गया था। इसके बाद एक बार फिर ग्रामीण असीरगढ़ के खेतों में खजाने की खोज कर रहे हैं। 

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