बुरहानपुर के नेपानगर से सटे अंबाड़ा ग्राम में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल, गांव में दस दिन पहले एक बंदर की मौत हो गई थी। जिसके बाद उसका रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। वहीं बंदर की मौत के दसवें दिन पर 15 ग्रामीणों ने मुंडन कराया है।
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10 दिन पहले हुआ था अंतिम संस्कार
नेपानगर क्षेत्र के ग्राम अंबाड़ा ( Ambara ) में एक बंदर ( Monkey ) की आकस्मिक मौत ( Death ) हो गई। इसके बाद गांववालों ने मिलकर उसका रीति रिवाज के अनुसार उसका अंतिम संस्कार ( Funeral ) कराया। उसी तरह शवयात्रा निकाली गई जैसे आम तौर पर इंसानों की निकाली जाती है। गांव से शवयात्रा निकली जो मुक्तिधाम पहुंची यहां भी रीति रिवाज के अनुसार उसे दफनाया गया।
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कुर्सी पर बैठाकर ले गए थे मुक्तिधाम
बंदर को एक कुर्सी पर बैठाकर आरती की गई। कुर्सी को ग्रामीणों ने उठाया और अर्थी की तरह एक के बाद एक कंधा देकर मुक्तिधाम तक पहुंचे। सभी रीति रिवाज उसी तरह किए गए जैसे किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में किए जाते हैं।
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ज्यादा उम्र मौत का कारण
दरअसल बुधवार को एक मकान की छत पर बंदर मृत अवस्था में मिला। उसकी आकस्मिक मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि उसकी उम्र अधिक हो गई थी। वह गांव में ही नजर आता था। लोग उसे खाने, पीने की चीजें दिया करते थे, लेकिन जब उसकी मौत हुई तो पूरा गांव भावुक हो गया। सभी ने मिलकर निर्णय लिया कि उसका अंतिम संस्कार रीति रिवाज के अनुसार ही होगा।
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