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BHOPAL. पुलिस एसआई-सूबदार भर्ती परीक्षा में कोरोना रिलेक्सेशन न देने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। हाईकोर्ट की जबलपुर और इंदौर बेंच ने 35 से अधिक याचिकाकर्ताओं को परीक्षा में शामिल करने का आदेश दिया है। एसआई-सूबेदार भर्ती परीक्षा के आवेदन की आखिरी तारीख 10 नवंबर है। अब इन अभ्यर्थियों के लिए एमपीईएसबी को अलग पोर्टल खोलना होगा।
27 अक्टूबर से शुरू हुए थे आवेदन
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने पुलिस एसआई-सूबेदार भर्ती परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। इस परीक्षा के लिए 27 अक्टूबर से आवेदन शुरू हुए थे। 10 नवंबर, सोमवार को आवेदन का आखिरी दिन था। यह भर्ती साल 2017 के बाद आई थी। आठ साल बाद आई इस भर्ती के लिए 9 लाख से ज्यादा आवेदन जमा हो चुके हैं।
हजारों अभ्यर्थी ओवर एज होने की वजह से इस भर्ती में शामिल होने से वंचित रह गए हैं। ये अभ्यर्थी आठ साल तक भर्ती का इंतजार करते रहे। लेकिन कोरोना काल के बाद से अब तक भर्ती ही नहीं आई। इसको देखते हुए सरकार ने वर्दीधारी भर्तियों में आयु सीमा में तीन साल की रियायत देने की छूट दी थी। इस संबंध में राज्य मंत्रालय से एक पत्र भी जारी किया गया था।
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सरकार ने वादा किया पीएचक्यू भूला
एसआई-सूबेदार भर्ती परीक्षा के नोटिफिकेशन के बाद हजारों अभ्यर्थी निराश थे। रूल बुक में कोरोना रिलेक्सेशन नहीं था। पुलिस मुख्यालय ने आयु सीमा में तीन साल की छूट देने से मना कर दिया। भर्ती में शामिल न होने और वादाखिलाफी पर कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जबलपुर और इंदौर हाईकोर्ट बेंच में याचिकाएं लगाई गई थीं। सोमवार को चार याचिकाओं पर सुनवाई की गई।
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4 याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई
हाईकोर्ट जबलपुर में सोमवार को याचिकाकर्ता रजनीश पांडेय, छत्रपाल सिंह, नीरज कुमार और इंदौर बेंच में सौरभ जोशी की याचिका पर सुनवाई हुई। चारों याचिकाओं पर अधिवक्ता दिनेश सिंह चौहान ने सरकार के वादे और अभ्यर्थियों के पक्ष में पैरवी की।
अधिवक्ता दिनेश सिंह के अनुसार अभी कुछ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई बाकी है। हजारों अभ्यर्थी आयु सीमा में रियायत न मिलने से परीक्षा से वंचित हो रहे हैं। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट जबलपुर और इंदौर बेंच ने याचिका में शामिल अभ्यर्थियों को भर्ती परीक्षा में शामिल करने का आदेश सरकार को दिया है।
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हाईकोर्ट के आदेश पर 35 को राहत
हाईकोर्ट के आदेश के बाद चारों याचिकाओं में शामिल 35 से ज्यादा अभ्यर्थियों को राहत मिली है। अब वे इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन कर पाएंगे। हालांकि, 10 नवम्बर को परीक्षा के आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख है। ऐसे में इन याचिकाकर्ताओं के आवेदन के लिए MPESBको अलग से पोर्टल खोलना होगा।
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छूट न मिलने से हजारों अभ्यर्थी वंचित
अब सवाल यह है कि सरकार ने आयु सीमा में छूट दी थी, फिर भी युवकों को मौका क्यों नहीं मिला। हाईकोर्ट से मौका पाने वाले केवल 35 अभ्यर्थी हैं। पीएचक्यू की वादाखिलाफी से हजारों अभ्यर्थी अयोग्य हो गए। उनका क्या होगा?
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