कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने माफी मांगी, फिर गलती नहीं करने की बात कही, फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इससे पहले हाईकोर्ट ने उनके कार्टून को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया था।
INDORE. पीएम नरेंद्र मोदी और संघ के खिलाफ आपत्तिजनक कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हुए हैं। इस पर सोमवार 14 जुलाई को सुनवाई हुई लेकिन मालवीय को फिलहाल राहत नहीं मिली है। इसके पहले हाईकोर्ट इंदौर ने कहा था कि उन्होंने (मालवीय ने) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा लांघी है, इसलिए अग्रिम जमानत नहीं जा सकती है।
कोर्ट में मालवीय ने माफी भी मांगी
मालवीय के अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर द्वारा तर्क दिए गए कि उन्होंने सारी पोस्ट डिलीट कर दी है, वह माफी मांगने के लिए भी तैयार है और भविष्य में भी इस तरह की गलती नहीं दोहराएंगे। लेकिन इन सभी तर्क सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कोई राहत देने से इंकार कर दिया। अब इसमें 15 जुलाई को सुनवाई होगी। यानी पुलिस द्वारा मालवीय को गिरफ्तार करने पर कोई रोक नहीं है और पुलिस गिरफ्तारी ले सकती है।
गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है: इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की गिरफ्तारी की संभावना है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, लेकिन फिलहाल राहत नहीं मिली।
मालवीय ने माफी मांगी: मालवीय के अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट में कहा कि उन्होंने सारी पोस्ट डिलीट कर दी हैं और माफी भी मांगी है। उन्होंने भविष्य में गलती न करने का वादा किया।
सुप्रीम कोर्ट ने आलोचना की: सुप्रीम कोर्ट ने मालवीय के कार्टून को अपरिपक्व बताते हुए आलोचना की। बेंच ने कहा कि इस मामले की अगले दिन फिर सुनवाई होगी और गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है।
अधिवक्ता विनय जोशी की शिकायत: मालवीय के विवादित पोस्ट और कार्टून पर अधिवक्ता विनय जोशी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें इसे भावनाओं को भड़काने वाला बताया गया था।
सुनवाई में यह बोली सुप्रीम कोर्ट बेंच
सुनवाई के दौरान बेंच ने उनके अपरिपक्व कार्टून के लिए आलोचना भी की। मालवीय के अधिवक्ता ने कहा कि पोस्ट हटा दी है और वैसे भी पोस्ट कोई अपराध नहीं है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर मंगलवार को फिर सुनवाई होगी।
अधिवक्ता विनय जोशी की शिकायत पर हुई एफआईआर
मालवीय के आपत्तिजनक पोस्ट और कार्टून पर अधिवक्ता विनय जोशी ने आपत्ति लेते हुए थाने में केस दर्ज कराया। इसे भावनाएं भड़काने वाला बताया गया। उनके् कार्टून में विवादित तौर पर आरएसएस की वर्दी पहने एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री के कार्टून के सामने झुके हुए दिखाया गया है। साथ ही अन्य आपत्तिजनक संकेत चित्रित है।