INDORE. पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे और तत्कालीन निगमायुक्त योगेंद्र शर्मा के खिलाफ 12 साल पुराने मामले में अब केस चलेगा। मामला सड़क पर हुए गड्ढे में गिरकर घायल हुए अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा से जुड़ा हुआ है।
इन धाराओं में केस चलाने की मंजूरी
22 अप्रैल 2012 में वर्मा धार रोड पर बाइक से जा रहे थे, तब रामकृष्ण बाग के पास सड़क पर बने गड्ढे में गिरने से वह बुरी तरह घायल हो गए थे। वहां पूरा मटैरियल बिखरा हुआ था और कोई संकेतक भी नहीं थे। वर्मा ने इस मामले में महापौर व निगमायुक्त की गलती बताते हुए पुलिस में केस दर्ज करने का आवेदन दिया, लेकिन मना कर दिया गया। वह हाईकोर्ट गए तो वहां से कहा गया कि जिला कोर्ट में परिवाद दायर कीजिएगा। इसके बाद जिला कोर्ट ने उनके मामले को सही मानते हुए मोघे व शर्मा के खिलाफ धारा 283 व 338 में केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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यह हैं धाराएं
धारा 283 सावर्जनिक मार्ग पर बाधा पहुंचाने के लिए है, इसमें जुर्माना और सजा दोनों हैं। इसी तरह धारा 338 में है कि किसी की गलती, उतावलेपन से चोट पहुंचती है तो जुर्माना और सजा दोनों हैं।
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मुद्दा यह कि गड्ढे में घायल, मौत के लिए निगम जिम्मेदार
शहर में बार-बार गड्ढे की वजह से घायल होने और एक बार तो मौत होने का मामला सामने आ चुका है। इसके बाद भी निगम के ठेकेदार नहीं सुधरते हैं और ना ही जिम्मेदार अधिकारी इन पर लगाम लगा सके हैं। भुगतना आम वाहन चालकों को ही पड़ता है। इस फैसले से साफ हो गया है कि गड्ढे में गिरने से यदि किसी को चोट पहुंचती है या मौत होती है तो जिम्मेदार नगर निगम ही होगा और संबंधित पीड़ित और उसके परिजन कोर्ट में जिम्मेदारों पर केस दायर कर सकते हैं और अब तो इस केस का भी हवाला दिया जा सकता है।
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