मध्य प्रदेश के मऊगंज से बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर सामुदायिक भवन की अस्थाई जेल में रखा है। बता दें कि पुलिस ने विधायक के खिलाफ यह कार्रवाई 19 तारीख को ही देवरा खटखरी में हुई घटना के बाद की थी। हालांकि, पुलिस ने पहले इसका खुलासा नहीं किया था। अब मऊगंज पुलिस ने खुद इसका खुलासा किया है।
विधायक से मिलने पहुंचे प्रभारी मंत्री
बता दें कि विधायक के खिलाफ धारा 126, 135 और 170 बीएनएसएस के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनसे मिलने मऊगंज के प्रभारी मंत्री लखन पटेल पहुंचे। यहां प्रभारी मंत्री ने रीवा के सामुदायिक भवन में प्रदीप पटेल के साथ 3 घंटे से ज्यादा समय बिताया। इसके अलावा सामुदायिक भवन जाते समय प्रभारी मंत्री ने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि विधायक इसलिए नाराज हैं क्योंकि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे हैं, तो जांच के बाद कार्रवाई होगी।
JCB लेकर अतिक्रमण हटाने गए BJP विधायक प्रदीप पटेल हिरासत में
क्या है मामला?
दरअसल, मऊगंज विधानसभा के खटखरी चौकी क्षेत्र में स्थित 9 एकड़ 27 डिसमिल भूमि को लेकर एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है। इस भूमि पर मुस्लिम समुदाय और दलित परिवारों के लगभग 70-80 घर बसे हैं, जिनका दावा है कि यह भूमि उनके पूर्वजों की है और वे इसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। इस विवाद को लेकर मुस्लिम समुदाय ने जबलपुर हाईकोर्ट में पिटीशन भी दायर की है। हालांकि, इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, बावजूद इसके भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
वहीं इस मामले में हिंदू नेता संतोष तिवारी ने प्रशासन से अतिक्रमण हटाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन की निष्क्रियता के चलते भाजपा कार्यकर्ताओं ने खुद ही जेसीबी लेकर कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया। विधायक पटेल भी मौके पर पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए खुद अतिक्रमण हटाने की घोषणा की। विधायक पटेल का कहना था कि चार महीने पहले उन्होंने इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था।
अपनी ही सरकार की किरकिरी करा रहे मऊगंज के बीजेपी विधायक प्रदीप पटेल
पटेल के जिद की वजह से हुई हिंसा?
विधायक की जिद और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का कारण बनी। मुस्लिम समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे पथराव और नारेबाजी हुई। इस दौरान तीन लोग घायल हो गए। कलेक्टर और एसपी ने स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास किए, लेकिन विधायक पटेल अपनी जिद पर अड़े रहे। प्रशासन के प्रयास विफल होने के बाद, विधायक को जबरन मऊगंज भेजा गया और वहां एक सामुदायिक भवन में ठहराया गया।
जेसीबी से बाउंड्री वॉल गिराने के दौरान मुस्लिम और दलित परिवारों ने विरोध किया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। पथराव के दौरान कई लोग घायल हुए। पुलिस ने भारी बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और विधायक पटेल को हिरासत में लिया।
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