MP News: 74 साल बाद केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को मंजूरी दी है। इसके बाद राजनीतिक पार्टियों में श्रेय लेने की होड़ तेज हो गई है। भाजपा इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छाशक्ति का परिणाम मान रही है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि राहुल गांधी के दबाव से यह कदम उठाना पड़ा।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने राहुल गांधी के स्वागत के लिए भोपाल में 52 मंचों पर कार्यक्रम तय किए हैं। इसमें उनका धन्यवाद और समर्थन जताया जाएगा। भाजपा ने कांग्रेस पर पिछड़ा वर्ग के अधिकारों को रोकने और मंडल आयोग की सिफारिशों का विरोध करने का आरोप लगाया है। 3 जून को राहुल गांधी का भोपाल दौरा इस बहस का केंद्र बनेगा। यह दिखाता है कि जातिगत जनगणना राजनीति में अहम चुनावी मुद्दा बन सकती है।
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मोदी सरकार ने किया असल में काम: बीजेपी
भाजपा ने जातिगत जनगणना के फैसले का श्रेय तुरंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। पार्टी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि पिछड़ा वर्ग की मांग मोदी सरकार ने गंभीरता से ली। उन्होंने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। यादव ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना नहीं कराई। साथ ही मंडल आयोग की सिफारिशों का सम्मान भी नहीं किया। भाजपा ने कांग्रेस पर ओबीसी समुदाय के अधिकार दबाने का आरोप लगाया है।
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कांग्रेस का पलटवार
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस फैसले को अपने नेता राहुल गांधी की राजनीतिक रणनीति की जीत बता रही है। पार्टी प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने कहा कि राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना को लेकर कई बार संसद और सड़कों पर आवाज उठाई, जिसके दबाव में केंद्र सरकार को यह फैसला लेना पड़ा। कांग्रेस का कहना है कि यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसकी नींव राहुल गांधी ने रखी थी।
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राहुल गांधी के स्वागत की भव्य तैयारियां
3 जून को राहुल गांधी भोपाल आ रहे हैं और मध्य प्रदेश कांग्रेस ने उनके स्वागत के लिए जोरदार तैयारियां की हैं। एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस कार्यालय तक 52 अलग-अलग मंच तैयार किए गए हैं, जहां उन्हें सम्मानित किया जाएगा। हर मंच से राहुल गांधी को जातिगत जनगणना का "आधुनिक शिल्पकार" बताकर धन्यवाद दिया जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल एक राजनीतिक संदेश देगा, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की रणनीति को भी स्पष्ट करेगा।
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भोपाल बना प्रचार की प्रयोगशाला
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल इस समय राजनीति का नया प्रयोगशाला बन गई है। जहां एक ओर भाजपा अपनी योजनाओं की उपलब्धियां गिना रही है, वहीं कांग्रेस राहुल गांधी को सामाजिक बदलाव का चेहरा बनाकर पेश कर रही है। 3 जून को होने वाला स्वागत समारोह महज एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह दर्शाने की कोशिश होगी कि कांग्रेस अब भी जमीनी मुद्दों पर नेतृत्व करने को तैयार है।
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