नर्सिंग काउंसिल ने 53 कॉलेजों को दी थी मान्यता, CBI को इनमें मिली कमी

सीबीआई की दोबारा जांच के बाद, जिन नर्सिंग कॉलेजों में कमी पाई गई थी, उनकी सूची नर्सिंग काउंसिल ने बुधवार शाम को सार्वजनिक की है। पहले की सीबीआई रिपोर्ट में 169 कॉलेजों को योग्य पाया गया था लेकिन दोबारा जांच में 50% कॉलेजों में कमी पाई गई है।

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Siddhi Tamrakar
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सीबीआई की दोबारा जांच के बाद,  जिन नर्सिंग कॉलेजों में कमी पाई गई थी, उनकी सूची नर्सिंग काउंसिल ने बुधवार शाम को सार्वजनिक की है। बता दें कि हाईकोर्ट ने 21 नवंबर को सुनवाई के बाद इसे जारी करने का आदेश दिया था। पहले की सीबीआई रिपोर्ट में 169 कॉलेजों को योग्य पाया गया था लेकिन दोबारा जांच में 50% कॉलेजों में कमी पाई गई है। अब 203 कॉलेजों में खामियां सामने आई हैं, जिससे कुल 600 कॉलेजों में से 309 कॉलेजों को कमी वाले ग्रुप में शामिल किया गया है।

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मन्यता प्राप्त 12 कॉलेजों में पाई गई कमी

इसके अलावा, इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) ने जिन 53 कॉलेजों को इस सत्र के लिए मान्यता दी थी, उनमें से 12 में सीबीआई ने कमी पाई। इन कॉलेजों को मान्यता देने के आधार पर शुक्रवार को जबलपुर बेंच में सुनवाई होगी।

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HC ने दिए थे दोबारा जांच के आदेश

पहली रिपोर्ट के बाद सीबीआई के अधिकारियों पर घूसखोरी के आरोप में कार्रवाई हुई थी, जिसके बाद हाई कोर्ट ने दोबारा जांच कराने का निर्देश दिया था।

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आईएनसी द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेजों में पाई गईं कमियां

कॉलेज का कुल निर्माण क्षेत्र 15,720 वर्ग फीट था, जो मानकों से कम था और अतिरिक्त 3,000 वर्ग फीट किराए पर लिया गया था। प्रयोगशालाओं में उपकरणों की संख्या बहुत कम थी। एडवांस स्किल लैब में आधुनिक उपकरणों की कमी, लैब में हाथ धोने की सुविधा का अभाव, और लाइब्रेरी में किताबों की संख्या मानकों से कम पाई गई है। 

इसके अलावा, कोई राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय जर्नल उपलब्ध नहीं थे। एक्सेशन रजिस्टर अधूरा था और रिकॉर्ड गलत थे। कॉलेज में लड़कों के लिए कॉमन रूम और पर्याप्त टॉयलेट सुविधाएं नहीं थीं। कंप्यूटर लैब में कंप्यूटरों की संख्या कम थी और अधिकांश खराब थे। प्रिंसिपल के पास निर्धारित शिक्षण अनुभव नहीं था, जिससे उन्हें योग्य नहीं माना गया। निरीक्षण के दौरान कॉलेज में कोई छात्र नहीं मिला और छात्रों को सामुदायिक प्रशिक्षण और क्लीनिकल प्रशिक्षण नहीं दिया गया। इसके अलावा, अभिभावक अस्पताल 2023 में बंद हो चुका था, जिससे छात्रों को प्रशिक्षण देने में समस्या का सामना करना पड़ा है। 

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