राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ( NHAI) के जनरल मैनेजर व प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीएल चौधरी को सीबीआई ने रिश्वत लेते पकड़ा था। दरअसल, कुछ महीने पहले सीबीआई (CBI) ने National Highways Authority of India (NHAI) के प्रोजेक्ट मैनेजर पीएल चौधरी को दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा था। यह रिश्वत झांसी फोरलेन (Jhansi Fourlane) के कंपलीशन सर्टिफिकेट (Completion Certificate) के बदले ली गई थी। अब इसी मामले में बड़ी खबर सामने आई है।
एनएचएआई के जीएम को दी गई अनिवार्य सेवानिवृत्ति
दरअसल, एनएचएआई (NHAI) के जीएम पीएल चौधरी को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement) दी है। यह कदम उनके भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार होने के बाद उठाया गया है।
ये भी खबर पढ़ें... फर्जी इनकम टैक्स रिफंड क्लेम, सीबीआई और ईओडब्ल्यू जांच में उलझ रहे सीए, कर सलाहकार
सीबीआई ने दायर की चार्जशीट
सीबीआई ने चौधरी और उनके सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट (Charge Sheet) भी दायर की है। जांच के दौरान यह पाया गया कि चौधरी ने निजी कंपनी के निदेशकों के साथ मिलकर साजिश रची थी।
रिश्वत में मिली रकम और साजिश का खुलासा
दरअसल, सीबीआई ने 9 जून 2024 को छतरपुर (Chhatarpur) से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में एनएचएआई के जीएम पीएल चौधरी और कंपनी के मैनेजर ब्रजेश मिश्रा सहित अन्य लोग शामिल थे।
ये भी खबर पढ़ें... रिश्वतखोरी के आरोप में फंसे सीबीआई इंस्पेक्टर को मिली जमानत
सीबीआई की कार्रवाई और मंत्रालय का कदम
सीबीआई द्वारा इस बड़े भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई के बाद, केंद्रीय मंत्रालय ने चौधरी को निलंबित किया था। अब उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता नीति अपनाई जा रही है।
thesootr links
द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें