Indore. आर्थिक अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में इनकम टैक्स मप्र-छग ने कई शहरों में छापे मार कर सीए, कर सलाहकारों को घेरे में लिया है जो फर्जी रिफंड क्लेम करा रहे हैं। यह टैक्स चोरी छोटी-मोटी नहीं 87 करोड़ रुपए की निकली है, जिसमें सीए, कर सलाहकार 50 फीसदी तक कमीशन ले रहे हैं। यह पहला मामला नहीं है। इंदौर में पहले भी सीए, कर सलाहकार सीबीआई, ईओडब्ल्यू तक की जांच में उलझे हैं।
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फर्जी रिफंड क्लेम में इनके नाम आए
हाल ही में इनकम टैक्स द्वारा धार, देवास, इंदौर में मारे गए छापे में कई सीए, कर सलाहकार रडार पर आए हैं। देवास के सीए नीरज जैन, कर सलाहकार रफीक शेख, धार और राजगढ़ के सीए, कर सलाहकार और राउ में भी एक सीए नाम इस फर्जीवाड़े में आया है।
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ईओडब्ल्यू में यह सीए फंसे
हाल ही में ईओडब्ल्यू इंदौर ने फर्जी बैलेंस शीट, आडिट बना कर चार करोड़ के बैंक लोन फ्रॉड करने के मामले में सीए तेजस सुतारिया पर गंभीर धाराओं में केस किया है। हालांकि वह जुगाड़ के जरिए अभी तक ईओडब्ल्यू की गिरफ्तारी से बचे हुए हैं।
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एंट्री देने, कैश ट्रांसफर में यह उलझ चुके
इसके पहले रुचि सोया के मामले में कैश ट्रांसफर के मामले में इंदौर के महेश अग्रवाल उलझ चुके हैं और दो माह जेल भी रहे थे, बाद में जमानत हुई थी। हालांकि, बाद में यह जांच में निर्दोष साबित हुए थे। वहीं सीए हेमंत दांगी एंट्री देने के मामले में कई बार आयकर विभाग की जांच में आ चुके हैं और एक बार विभाग इन्हें इंदौर एयरपोर्ट से ही पूछताछ के लिए साथ में ले गया था।
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टैक्स प्लानिंग सही, चोरी गलत
जानकारों ने कहा कि सीए, कर सलाहकारों का काम करदाता के लिए बेहतर टैक्स प्लानिंग करना है, लेकिन फर्जी दस्तावेज लगाकर टैक्स बचाना, चोरी करना गंभीर मामला है। वहीं देखने में आया है कि इंदौर में जिस तरह से कारोबार और कैश फ्लो बढ़ा है, इसके बाद अब इस कैश को फर्जी कंपनियों में डलवा कर इसे घटाकर लीगल बनाने का काम भी जमकर हो रहा है। वहीं इन्हीं कंपनियों के जरिए दूसरों को अनसिक्योर्ड लोन एंट्री देने का काम भी जमकर चल रहा है जिसके लिए जमकर कमीशन का खेल होता है। हाल ही में इनकम टैक्स छापे में तो यहां तक आया कि टैक्स बचाने के लिए एक करदाता का तो दिव्यांग का ही सर्टिफिकेट बनवा लिया गया और टैक्स छूट ली गई। अब विभाग सभी से रिवाइज्ड रिटर्न भर कर टैक्स वसूल रहा है।