केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज, 1 फरवरी 2025 को अपने कार्यकाल का आठवां केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। इस बजट को लेकर आम लोगों, व्यापारियों और राज्यों को काफी उम्मीदें हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र से 17 हजार करोड़ रुपए की बकाया राशि जारी करने की मांग की है, क्योंकि पिछले साल 97 हजार करोड़ रुपए की राशि मंजूर होने के बावजूद राज्य को अब तक केवल 80 हजार करोड़ रुपए ही मिले हैं।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस बार बजट में ‘डेवोल्यूशन’ यानी केंद्र द्वारा राज्यों को टैक्स का हिस्सा ज्यादा मिलेगा ताकि बढ़ती जनसंख्या और विकास के कामों के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध हो सकें। विशेषज्ञों और व्यापार जगत का मानना है कि बजट में एमएसएमई सेक्टर के लिए क्रेडिट बढ़ाई जानी चाहिए और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देना जरूरी है। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर भी ध्यान देने की मांग की जा रही है।
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वित्त मंत्री पेश करेंगी अपना आठवां बजट
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को संसद में अपना आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर व्यापारियों, उद्यमियों और आम नागरिकों को कई तरह की उम्मीदें हैं। वहीं, राज्यों को भी अपने विकास कार्यों के लिए ज्यादा वित्तीय सहायता की उम्मीद है।
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मध्यप्रदेश सरकार की केंद्र से बकाया राशि की मांग
मध्यप्रदेश सरकार ने बजट से पहले केंद्र से 17 हजार करोड़ रुपए की बकाया राशि जारी करने की मांग की है। पिछले साल अंतरिम बजट में राज्य को 97 हजार करोड़ रुपए मिलने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक केवल 80 हजार करोड़ रुपए ही मिल सके हैं। राज्य सरकार ने इस बाकी बची राशि को जल्द से जल्द जारी करने का अनुरोध किया है।
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राज्य के ‘डेवोल्यूशन’ बढ़ने की उम्मीद
मध्यप्रदेश सरकार का कहना है कि राज्य की जनसंख्या बढ़ रही है और विकास के कामों के लिए ज्यादा संसाधनों (resources) की जरूरत है। इसलिए राज्य को केंद्र सरकार से मिलने वाले ‘डेवोल्यूशन’, यानी टैक्स के हिस्से में बढ़त की उम्मीद है। राज्य के अधिकारियों का मानना है कि इससे विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
एमएसएमई सेक्टर के लिए क्रेडिट बढ़ाने की जरूरत
क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविनाश मिश्रा ने कहा कि बजट में एमएसएमई सेक्टर पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए क्रेडिट सुविधा बढ़ाने की जरूरत है ताकि छोटे और मझोले उद्यमों को मजबूती मिल सके। इसके साथ ही, उन्होंने साइबर सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर देने की बात कही है।
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