मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की जनपद पंचायत औबेदुल्लागंज की पूर्व सीईओ युक्ति शर्मा ने ट्रांसफर के बाद सरकारी सामान पर ही हाथ साफ कर दिया। वे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से हटाई गईं थीं, इसके बाद वे अब फिर से विवादों में आ गई हैं। दरअसल ट्रांसफर के बाद, उन्होंने सरकारी सामान ऑटो में भरकर कहीं और शिफ्ट कर दिया। अब जिला पंचायत सीईओ वृंदावन मीणा ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
पद से हटाने के लिए 84 दिन चली थी हड़ताल
जनपद सचिवों और कर्मचारियों ने लगातार 84 दिनों तक हड़ताल कर युक्ति शर्मा को पद से हटाने की मांग की थी। उन पर हर सरकारी काम में कमीशन लेने के आरोप लगे थे। इसके बाद, सरकार ने 27 अगस्त 2024 को उनका तबादला शिवपुरी के पोषण आहार संयंत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में कर दिया। तबादले की सूचना मिलते ही, उन्होंने ऑटो में कार्यालय का सामान रखा और वहां से रवाना हो गईं।
जनपद ऑफिस ने पूर्व सीईओ को नोटिस भेजा
जनपद पंचायत कार्यालय ने 4 अक्टूबर 2024 और 3 मार्च 2025 को युक्ति शर्मा को नोटिस भेजकर सरकारी सामान वापस करने को कहा। जनपद ऑफिस से कंप्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर, इंडक्शन, कुकर, बेड, गद्दा समेत कई चीजें गायब कर दी गई थीं। हालांकि, उन्होंने सिर्फ बेड को लेकर जवाब दिया कि अगर इसका जनपद में कोई आधिकारिक बिल है तो दिखाया जाए। वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि बेड कुछ सचिवों ने खुद उपलब्ध कराया था, ताकि सीईओ अपनी बच्ची के साथ आराम कर सकें।
वर्तमान जनपद सीईओ वृंदावन मीणा ने थाना प्रभारी को पत्र भेजकर पूर्व सीईओ युक्ति शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का अनुरोध किया है। इस पत्र की प्रतिलिपि रायसेन कलेक्टर को भी भेजी गई है। इस मामले पर थाना प्रभारी भरत प्रताप सिंह राजपूत ने कहा कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।