TI से मारपीट के विरोध में आए रिटायर पुलिस अधिकारी, दिग्विजय ने किया वकीलों का समर्थन

सेवानिवृत्त राजपत्रित पुलिस अधिकारी कल्याण संघ के सचिव गरीश सूबेदार ने एक पत्र लिखकर शासन से मांग की है। इसमें कहा है कि इंदौर के समस्त पदाधिकारी व सदस्यगण 15 मार्च को पुलिस पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं के विरोध में एकजुट हुए हैं।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में तुकोगंज टीआई से मारपीट के मामले में अब रिटायर्ड पुलिस अफसरों का संगठन भी समर्थन में आ गया है। उन्होंने आरोपियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो सके। वहीं, दूसरी तरफ मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह वकीलों के समर्थन में आए हैं। उन्होंने विधि प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष पारस जैन द्वारा दी गई जानकारी को ट्वीट किया है। तो दूसरी तरफ एक अभियान भी, पुलिस के लिए न्याय# मऊगंज# इंदौर# शुरू कर दिया है। इस अभियान के स्लोगन को वे अपने स्टेटस पर भी लगा रहे हैं और सोशल मीडिया पर वायरल भी कर रहे हैं। वहीं, 16 मार्च की शाम को इंदौर के कुछ टीआई ने अपनी डीपी भी ब्लैक रखकर घटना को लेकर विरोध दर्ज करवाना शुरू कर दिया है। सड़क से शुरू हुआ पुलिस और वकीलों का विवाद सोशल मीडिया पर पहुंच गया है। जहां विरोध स्वरूप पुलिस ने अपनी डीपी की ब्लैक की तो वहीं वकीलों ने  भी अपनी डीपी पर बैंड लगाकर विरोध जताया है।

पुलिस पर अत्याचार को लेकर हुए एकजुट

सेवानिवृत्त राजपत्रित पुलिस अधिकारी कल्याण संघ के सचिव गरीश सूबेदार ने एक पत्र लिखकर शासन से मांग की है। इसमें कहा है कि इंदौर के समस्त पदाधिकारी व सदस्यगण 15 मार्च को पुलिस पर हो रहे अत्याचार की घटनाओं के विरोध में एकजुट हुए हैं। संघ ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि समाज की सुरक्षा में तैनात प्रहरी स्वयं उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, जो अक्षम्य अपराध है।

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सख्त कार्रवाई की हो रही मांग

संघ ने मांग की है कि समाज के विधि प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा की जा रही ऐसी पाशविक प्रवृत्तियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। यदि जल्द ही दोषियों को नामजद कर सलाखों के पीछे नहीं पहुंचाया गया, तो इससे पुलिस का मनोबल प्रभावित होगा, जो सार्वजनिक लोकव्यवस्था के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। संघ ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से आग्रह किया कि वे पीड़ित पुलिस अधिकारियों के समर्थन में कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें, जिससे ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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सोशल मीडिया पर शुरू हुआ अभियान

तुकोगंज टीआई के समर्थन में अब एक अभियान भी शुरू हो गया है। इसमें कहा गया है कि पुलिस के लिए न्याय #मौगंज#इंदौर#, "जो हमारी सुरक्षा करते हैं, उनकी सुरक्षा करें। पुलिस पर हमला, न्याय पर हमला है!" "कानून और व्यवस्था तभी मजबूत रह सकते हैं जब हमारी पुलिस सुरक्षित रहे!" "जो समाज की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, उनके लिए सख्त कानून बनाए जाएं!" पुलिस के लिए न्याय #मौगंज#इंदौर#।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने यह किया ट्‌वीट

इंदौर में पुलिस का वकीलों के साथ दुर्व्यवहार का वीडियो। मुझे बताया गया वकीलों ने किसी भी प्रकार की हाथ पाई TI के साथ नहीं की। केवल उन्हें बोला गया कि झूठ मत बोलो और चेक करवाओ कि शराब पी या नहीं। नशे में TI समझाने वकीलों को आए थे, ऊटपटांग शब्द बोलने लगे तो पता चला कि नशे में हैं। वहीं PCR 100 डायल में भी एक constable और ड्राइवर दोनों नशे में गाड़ी चला रहे थे और शराब की बॉटल भी मौजूद मिली। साथ ही गाड़ी में शराब की बदबू आ रही थी और वकीलों का मुद्दा यही था कि विवाद को सुलझाने की जगह किसी शराब बेचने वाले गुंडे व्यापारी जो पुलिस को हफ्ता देता है।

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अवैध धंधे को क्षेत्र में करने के लिए वो शराब के नशे में बच्चों के द्वारा होली पर पानी के गुब्बारे फेंकने पर, नशे में आकर अरविंद जैन के पुत्रों के साथ हाथापाई की। पहचान के पुलिसकर्मी को बुलाकर बीच–बचाव करते हुए अरविंद जैन हाइकोर्ट वकील को पुलिस थाना प्रभारी और SI द्वारा लाठियों से बर्बरता पूर्वक मारा। ये बोल कर कि अधिवक्ता कभी–कभी हाथ लगते हैं, मारना तो बनता है। इस प्रकार अधिवक्ता से दुर्व्यवहार करके विवादित व्यक्ति को भी मार के, उसका मेडिकल करवा कर FIR दर्ज अरविंद जैन खिलाफ करदी और गिरफ्तार करके पुलिस बल के साथ थाने ले गए।

 छोटे से विवाद में पुलिस बल पूर्वक, गुंडा गर्दी करके,  अधिवक्ता को अपना दुश्मन और कानून का दुरुपयोग करके केस दर्ज किया जो कि अधिवक्ताओं के सम्मान में और अधिवक्ता के साथ अन्याय पूर्वक मारपीट पुलिसकर्मियों द्वारा की जो की निंदनीय है। यह घटना इंदौर अधिवक्ता संघ जिला व हाइकोर्ट को ज्ञात हुई वैसे ही तत्काल प्रभाव से पुलिस प्रशासन से संपर्क किया। किंतु सहयोग नहीं किया, इसलिए परदेशीपुरा थाने का घेराव किया और हाइकोर्ट पर चकाजाम करने को मजबूर पुलिस प्रशासन के सहयोग के कारण अधिवक्ताओं का आक्रोश बढ़ा और पुलिस प्रशासन से अपनी मांगे रखी गई। जिसमें अपराधियों के खिलाफ FIR दर्ज हो, पुलिस वालों को निलंबित किया जाए और झूठी FIR अरविंद जैन खिलाफ की गई निरस्त की जाए। जिसमें पुलिस द्वारा परदेशीपुरा थाने के प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया।

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पूर्व सांसद बोले, पुलिस अन्याय करेगी तो ऐसा होता रहेगा

पूर्व सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दोनों पक्ष समझदार तबका माना जाता था। जब पुलिस और वकील दोनों ही आपस में भिड़ जाएं तो प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति कैसी होगी। क्या आम आदमी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर पाएगा। पुलिस जब अन्याय करेगी तो इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। मैं तो कई जगहों पर देखता हूं कि पुलिस चौराहों पर तांडव कर रही है। 

वकीलों ने भी डीपी पर व्हाइट बैंड लगाकर जताया विरोध

हाईकोर्ट चौराहे पर चक्काजाम कर रहे वकीलों ने भी पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा बताया है। इसके विरोध स्वरूप वकीलों ने भी अपनी व्हाट्सअप डीपी पर व्हाइट बैंड लगाकर उसका विरोध जताया है। वहीं, अरविंद जैन और उनके दोनों वकील पुत्रों के खिलाफ केस हुआ है। उसमें पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि जिसके कहने पर एफआईआर हुई है उनसे पुलिस की सांठगांठ है और लेनदेन किया गया है। हमें मारपीट करते हुए गाड़ी में ले जाया गया और थाने में भी बदतमीजी की गई। इसी बात पर सारे वकील एकजुट होकर पुलिसकर्मियों पर सस्पेंड करने और कार्रवाई करने की मांग करते हुए चक्काजाम कर रहे थे।

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