इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह की हर मुहिम को फेल करते ये पुलिसकर्मी
मल्हारगंज थाने के प्रधान आरक्षक राघवेंद्र सिंह भदौरिया और अनिल चतुर्वेदी का डिमोशन कर दिया है। उन्हें कदाचरण और अनुशासनहीनता के कारण प्रधान आरक्षक से आरक्षक बनाया गया है।
इंदौर में एक तरफ तो पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह अपने नए सिस्टम के तहत टीआई और एसीपी की गाड़ियों की निगरानी के लिए चिप लगवा रहे हैं, तो दूसरी तरफ पुलिस खाकी पर दाग लगाने से बाज नहीं आ रही है। इंदौर में अपनी जिम्मेदारी से मुंह छिपाते हुए, दबाकर रिश्वत मांगने वाले पुलिसकर्मियों के चेहरे अब सरेआम हो रहे हैं। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद से ये मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। कमिश्नर सिंह अपने इस नए सिस्टम से पुलिस की चौकसी तो कर लेंगे, लेकिन पुलिस के ईमान का क्या करेंगे? उस पर नियंत्रण लगाने के लिए क्या उनके द्वारा कोई दूसरा सिस्टम डेवलप किया जाएगा? पुलिस जवान काम में लापरवाही करने के साथ ही पिट भी रहे हैं।
काम में लापरवाही पर दो हेड कांस्टेबल का डिमोशन
डीसीपी जोन-1 विनोद कुमार मीना ने मल्हारगंज थाने के प्रधान आरक्षक राघवेंद्र सिंह भदौरिया और अनिल चतुर्वेदी का डिमोशन कर दिया है। उन्हें कदाचरण और अनुशासनहीनता के कारण प्रधान आरक्षक से आरक्षक बनाया गया है। वारंट तामीली में लापरवाही करने पर एडीसीपी अमित सिंह ने अनिल की वेतनवृद्धि भी रोकी है। मर्ग जांच में लापरवाही करने पर राजेंद्र नगर थाने के एसआई दशरथ सिंह चौहान की वेतनवृद्धि रोकी गई है।
विजयनगर थाने के टीआई तो रिश्वत मांगने के मामले में हेड कांस्टेबल से भी आगे निकल गए। उन्होंने बच्चों से ही रिश्वत मांग ली थी। मामला 2023 का है, जब एक फरियादी ने अपने परिचितों को थाने से छुड़वाने के लिए थाना प्रभारी सहित थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबलों से बात करने की कोशिश की थी। पर इस दौरान सब-इंस्पेक्टर और कांस्टेबलों ने थाना प्रभारी के नाम पर हजारों रुपए रिश्वत की मांग की थी। इससे परेशान होकर शिकायतकर्ता ने थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर, सब-इंस्पेक्टर संजय धुर्वे, आरक्षक लोकेंद्र सिसोदिया एवं एक अन्य कांस्टेबल को रिश्वत देकर अपने परिजनों को थाने से छुड़वाया था। पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने सभी पुलिसकर्मियों को दंडित करते हुए पूर्व थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर को सब-इंस्पेक्टर बना दिया और सब-इंस्पेक्टर रहे संजय धुर्वे के प्रमोशन को रोक दिया गया।
इंदौर पुलिस के हेड कांस्टेबल का रेट भी अब लाखों तक पहुंच गया है। एमआईजी थाने के हेड कांस्टेबल अरुण को 1 मार्च 2025 को लोकायुक्त ने रिश्वत मांगने के आरोप में ट्रैप किया है। उसने मामले को निपटाने के लिए महिला से 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। वहीं, विजय नगर थाने के सिपाही अमित पर एक युवती ने गंभीर आरोप लगाए थे। बताया गया कि अमित युवती पर किसी मामले में दबाव बना रहा था।
इंदौर में एसआई टी. इक्का के हमलावरों ने पुलिस की पोल खोल दी थी। अफसरों की सख्ती की बात झूठ निकली। जिन आरोपियों के हाथ में पट्टा बांधा गया था, वे तंदुरुस्त निकले। हमलावरों का टीआई सियाराम सिंह गुर्जर ने जुलूस निकाला था। बाणगंगा थाना अंतर्गत भौंरासला पुलिस चौकी पर पदस्थ एसआई टी. इक्का पर विकास डाबी, अरविंद, रवि और विकास ने 5 फरवरी को हमला कर दिया था।
The Sootr
मधुमिलन पर महिला सूबेदार ले रही थी रिश्वत
मधुमिलन चौराहे से गुजरने वाले लोडिंग वाहनों के मालिकों ने यह शिकायत की थी। इसमें चौराहे पर तैनात महिला सूबेदार कृष्णा मिश्रा, हेड कांस्टेबल आनंद यादव और महेश चालान बनाने के नाम पर जबरन वसूली कर रहे थे। इसकी शिकायत एक भाजपा पार्षद ने भी की थी। शिकायत में कहा गया था कि वे चालान काट रहे हैं और तीन हजार रुपए ले रहे हैं, लेकिन उसकी रसीद भी नहीं दे रहे हैं। इस मामले में डीसीपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
वहीं, जीपीओ चौराहे पर ड्यूटी के दौरान गायब हेड कांस्टेबल पृथ्वी सिंह और कांस्टेबल मुकेश को एसीपी ट्रैफिक हिंदू सिंह मुवैल ने लाइन अटैच कर दिया है। बताया गया कि जब वे चौराहे पर राउंड लेने पहुंचे थे, तो वहां पर पुलिस कांस्टेबल ड्यूटी से गायब मिले थे। इसी तरह खजराना थाने के प्रधान आरक्षक कमल सिंह आवेदक की फाइल ही दबाकर बैठ गए थे। डीसीपी को इसकी खबर लगी तो उन्होंने मामले में कार्रवाई करते हुए उनका डिमोशन कर दिया था।