इंदौर के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटारे को लेकर रामकी एनवायरो में ट्रायल रन किया जा रहा है। 28 फरवरी की दोपहर 3 बजे से कचरे को जलाना भी शुरू किया जा चुका है। हर घंटे 135 किलोग्राम कचरे की फीडिंग इसमें की जा रही है। पीथमपुर में यूका कचरा जलने के 24 घंटे पूरे हो चुके हैं और 1 मार्च 2025 की दोपहर 3 बजे तक 3 हजार 240 किलो कचरा जलाया भी जा चुका है। इसको लेकर सरकार की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक सब नियंत्रण में है। यहां के एक्यूआई पर भी अफसर लगातार मॉनिटरिंग रख रहे हैं। वहां का एक्यूआई 70 तक पहुंच चुका है।
हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई प्रक्रिया
उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा रिट याचिका क्र. 2802/2004 (आलोक प्रताप सिंह विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य) में 18 फरवरी 2025 को आदेश जारी किया गया था। उसके आदेशानुसार यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट का प्रथम ट्रायल रन 27 फरवरी 2025 से मेसर्स पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा. लि. पीथमपुर द्वारा संचालित इंसीनरेटर में किया जा रहा है।
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प्रदूषण विभाग के अफसर कर रहे मॉनिटरिंग
संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि यूनियन कार्बाइड की फीडिंग 28 फरवरी 2025 को दोपहर 3 बजे से 135 किलोग्राम/घंटे की दर से की जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित एसओपी के अनुसार अपशिष्ट का डिस्पोजल कराया जा रहा है। डिस्पोजल के दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग एवं निगरानी का कार्य किया जा रहा है।
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24 घंटे में जल चुका 3 हजार 240 किलो कचरा
संभागायुक्त श्री सिंह ने बताया कि 1 मार्च 2025 को दोपहर 3 बजे तक 3 हजार 240 किलोग्राम अपशिष्ट का दहन किया जा चुका है। अपशिष्ट के साथ लगभग 3 हजार 240 किलोग्राम लाइम भी मिलाकर दहन किया गया है। फ्लू गैसों की सफाई के लिए लगभग 3.6 टन लाइम, 1.8 टन एक्टिवेटेड कार्बन व 24 किलोग्राम सल्फर का उपयोग किया गया।
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जलाने में हर घंटे लग रहा 400 लीटर डीजल
उन्होंने बताया कि अपशिष्ट जलाने में लगभग 400 से 500 लीटर प्रति घंटे डीजल की खपत हो रही है। दोपहर तीन बजे तक लगभग 21 हजार लीटर की खपत हो चुकी है। अपशिष्ट के दहन के दौरान चिमनी से हो रहे उत्सर्जन की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, जिसके लिए ऑनलाइन कंटीन्युअस इमीशन मॉनिटरिंग सिस्टम (CEMS) संचालित है। चिमनी से उत्सर्जित पैरामीटर की मात्रा निर्धारित मानक सीमा के भीतर ही है।
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ये जहरीली गैसें निकल रही हैं चिमनी से
संभागायुक्त सिंह ने बताया कि चिमनी से उत्सर्जित पैरामीटर की मात्रा निर्धारित मानक सीमा के भीतर पाई जा रही है।
- पार्टिकुलेट मैटर का उत्सर्जन 8.6 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
- सल्फर डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 62 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी अधिकतम मानक सीमा 200 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
- नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन 52.5 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 400 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
- कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन 10 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी अधिकतम मानक सीमा 100 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
ऑर्गेनिक कार्बन भी निकल रहा
इसी प्रकार कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन 4.47 प्रतिशत हो रहा है। इसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 7 प्रतिशत है।
- हाइड्रोजन क्लोराइड का उत्सर्जन 0.7 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी अधिकतम मानक सीमा 50 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
- हाइड्रोजन फ्लोराइड का उत्सर्जन 3.8 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 4 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।
- टोटल ऑर्गेनिक कार्बन का उत्सर्जन 8.7 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है, जिसकी निर्धारित अधिकतम मानक सीमा 20 मिलीग्राम/सामान्य घनमीटर है।