MP में नवरात्रि की धूम, मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, सीएम ने शिप्रा किनारे दिया अर्घ्य

चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष विक्रम संवत्सर 2082 के मौके पर मध्यप्रदेश के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना हो गई है। सीएम ने शिप्रा नदी में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर नववर्ष की शुरुआत की और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं।

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Kaushiki
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हिंदू नववर्ष विक्रम संवत्सर 2082 और चैत्र नवरात्रि का पर्व आज, रविवार से शुरू हो गया है। इस मौके पर प्रदेशभर में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जा रही है। खासकर नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की विशेष आराधना की जा रही है।

मध्यप्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों जैसे मैहर के शारदा मंदिर, दतिया स्थित पीतांबरा पीठ, उज्जैन की हरसिद्धि, अवंतिका माता और सलकनपुर स्थित मां विजयासन देवी धाम में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। इस अवसर पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे दत्त अखाड़ा पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजन किया।

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चैत्र नवरात्र की हुई शुरुआत, देवी मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब |  Chaitra Navratri begins, flood of faith in Devi temples | Patrika News

मंदिरों में पूजा-आराधना

प्रदेश के विभिन्न प्रमुख शक्तिपीठों में नवरात्रि के पहले दिन विशेष पूजा-अर्चना हो रही है। इन स्थानों में मैहर का शारदा मंदिर, दतिया स्थित पीतांबरा पीठ, उज्जैन की हरसिद्धि, अवंतिका माता और सलकनपुर स्थित मां विजयासन देवी धाम प्रमुख हैं। यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है। मैहर में सुबह 4 बजे महाआरती की गई। 

देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्र की तैयारी जोरों पर - Preparations for  Chaitra Navratri in full swing in Devi temples

सलकनपुर देवी धाम में विशेष पूजा

बता दें कि सलकनपुर देवी धाम में मां विजयासन देवी की स्वयंभू प्रतिमा स्थापित है। यहां नवरात्रि के दौरान विशेष श्रृंगार और पूजा की व्यवस्था की गई है। मंदिर के पट तड़के 3 बजे से लेकर रात 12.30 बजे तक खुले रहेंगे। इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ और 108 ज्योतियों का प्रज्ज्वलन किया जाएगा।

साथ ही, पांच पहर की आरती और सप्तमी-अष्टमी की रात महानिशा पूजन-हवन भी आयोजित होंगे। वहीं यहां के आचार्य पंडित सोमेश परसाईं ने बताया कि इस नववर्ष के राजा सूर्य हैं और मंत्री भी सूर्य ही हैं, इसलिए जो लोग धर्म-कर्म करेंगे, उन्हें यह साल विशेष लाभकारी साबित होगा। पंडित परसाईं ने यह भी कहा कि गुड़ी पड़वा पर विधिवत मां भगवती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए, क्योंकि चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष फल देती है।

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उज्जैन में शिप्रा किनारे गुड़ी बांधकर महिलाओं ने पूजन अर्चन किया।

जबलपुर का प्राचीन शारदा देवी मंदिर

जबलपुर के मदनमहल पहाड़ी पर स्थित शारदा देवी मंदिर भी भक्तों से भरा हुआ है। यह मंदिर गोंडवाना शासन काल की वीरांगना रानी दुर्गावती द्वारा 15 सौ 50 में बनवाया गया था। बताया जाता है कि मां दुर्गा ने स्वप्न में रानी दुर्गावती को दर्शन देकर मंदिर निर्माण के लिए प्रेरित किया था।

उज्जैन में सीएम ने सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन किया।

CM ने दी नववर्ष की शुभकामनाएं

उज्जैन में सीएम डॉ. मोहन यादव ने शिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा पर जाकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और नववर्ष की शुरुआत की। यहां महिलाओं ने शिप्रा नदी के किनारे गुड़ी बांधकर पूजन-अर्चन किया। इसके बाद, सीएम यादव ने शिप्रा नदी के किनारे व्यवस्थाओं का जायजा लिया और साधु-संतों और श्रद्धालुओं से मुलाकात की।

सीएम ने प्रदेशवासियों को हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं दीं और कहा कि विक्रम संवत 2082 का यह साल प्रदेश के लिए समृद्धि और खुशहाली लेकर आए। उन्होंने उज्जैन में विक्रमादित्य ध्वज का लोकार्पण भी किया।

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सूर्य को अर्घ्य देने के पहले महिलाओं ने रंगोली बनाई। इसके लिए महिलाएं सुबह 5 बजे ही राजवाड़ा पर पहुंच गई थी।

इंदौर में राजवाड़ा में विशेष आयोजन

इंदौर के राजवाड़ा में गुड़ी पड़वा पर विशेष आयोजन किया गया। सुबह 5:30 बजे से शुरू हुए इस कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन और संस्कार भारती का ध्येय गीत गाया गया। यहां सभी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उगते सूर्य को अर्घ्य देकर नववर्ष का स्वागत किया। इस आयोजन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव सहित अन्य नेता और श्रद्धालु उपस्थित थे।

इस तरह, मध्यप्रदेश में चैत्र नवरात्रि और हिंदू नववर्ष के इस पावन अवसर पर पूरे प्रदेश में विशेष पूजा-अर्चनाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि प्रदेशवासियों के बीच एकता और सामूहिकता की भावना को भी प्रकट करते हैं।

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