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check point Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. मध्यप्रदेश में बदनामी के दाग को छुड़ाने के लिए पहले संस्थाओं के नाम बदले गए हैं। इसी तर्ज पर अब पुरानी व्यवस्था को नए नाम के सहारे वसूली के कलंक को दूर करने का तरीका आजमाया जा रहा है। यहां बात मध्यप्रदेश में अंतरराज्यीय सीमाओं पर चलने वाले चेकपोस्टकों की हो रही है।
बार-बार इन चेक पोस्ट पर अवैध वसूली की बदनामी को देखते हुए बीते सत्र में सरकार ने इसमें बदलाव किया था। जिसके बाद चेक पोस्ट खत्म कर चेक पाइंट शुरू कराए गए हैं। सरकारी कार्रवाई में भले ही अब इन्हें चेक पाइंट नाम दे दिया गया है लेकिन इन पर काम वाहनों की जांच के नाम पर वसूली का ही जारी है।
मध्यप्रदेश के विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने प्रश्न उठाकर सरकार से इस पर जवाब मांगा। सदन में चेक पोस्ट और चेक पाइंट के नाम परिवर्तन पर भी सरकार को घेरा गया।
चेक पाइंट की व्यवस्था पर सवाल
वित्त वर्ष 2023-24 तक अंतरराज्यीय सीमा पर वाहनों के जांच के लिए चेक पोस्टों पर परिवहन अमला तैनात किया जाता था। परिवहन अधिकारी-कर्मचारियों के जरिए चेक पोस्ट पर मालवाहकों से बेहिसाब वसूली के आरोप भी लगते थे। बीते साल परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के पास बेहिसाब संपत्ति और करोड़ों का सोना बरामद होने के पास भी सरकार को कटघरे में घेरा गया था।
विपक्षी दल ने तब सरकार पर विधानसभा सत्र के दौरान भी आरोप लगाए थे। चेक पोस्ट पर वसूली की बदनामी को देखते हुए तब सरकार ने व्यवस्था में बदलाव के नाम पर चेक पाइंट शुरू कराए थे। अब इन्हीं चेक पाइंटों पर परिवहन अधिकारी वाहनों की जांच कर रहे हैं। यानी व्यवस्था और नाम ही बदला है काम अब भी जस का तस ही है।
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विस में सवाल पर सरकार का जवाब
कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने चेक पोस्ट का नाम बदलकर चेक पाइंट पर वाहनों से वसूली का सवाल उठाया। सरकार की ओर से परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने जवाब पेश किया।
परिवहन मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश परिवहन विभाग द्वारा चेक पाइंट की व्यवस्था प्रदेश में लागू की गई है। इससे पिछले एक साल में सरकार को 31 करोड़ से अधिक राजस्व मिला है। पूर्व के चेक पोस्टों की जगह अब 55 चेक पाइंटों को स्वीकृति दी गई है। इनमें से अभी 51 से ही राजस्व अर्जित हो रहा है। सरकार इन चेक पोस्ट पर अत्याधुनिक तरीके से संचालन सुनिश्चित कर रही है जल्द ही चेक पाइंट मानव रहित कार्रवाई से लैस करने की तैयारी है।
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यूपी बार्डर से सबसे ज्यादा कमाई
विधानसभा में कांग्रेस विधायक के सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री ने बताया कि बीते साल में मध्यप्रदेश सरकार को मालथौन चेक पाइंट से सबसे ज्यादा राजस्व मिला है। उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित इस चेक पाइंट से प्रदेश को 5.58 करोड़ प्राप्त हुए हैं।
इसके बाद राजस्व प्राप्ति में सेंधवा चेक पाइंट 2.94 करोड़ के साथ दूसरे और महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्थित खवासा चेक पाइंट 2.16 करोड़ रुपए की कमाई के साथ तीसरे नंबर पर है। चेक पाइंट पर वाहनों की जांच की जिम्मेदारी परिवहन निरीक्षक, उपनिरीक्षकों के साथ अन्य अमले को दी गई है।
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