SP के दखल के बाद सूबेदार शारदा प्रसाद पर रेप केस दर्ज, पीएम और सीएम तक पहुंची शिकायत

MP पुलिस के सूबेदार पर युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप, शिकायत ‘बेटी की पेटी’ से पुलिस तक पहुंची। इसके बाद महिला पुलिस थाने ने मामले को गंभीरता से लिया और फिर केस दर्ज हुआ।

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Rohit Sahu
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मध्यप्रदेश पुलिस में पदस्थ सूबेदार शारदा प्रसाद यादव पर एक युवती ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि आरोपी ने 2018 से 2022 के बीच शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया। इस दौरान वह छतरपुर जिले में पदस्थ था और विवाहित होने के बावजूद उसने प्रेम संबंध बनाए। आरोपी वर्तमान में भोपाल की नेहरू नगर पुलिस लाइन में पदस्थ है और एक बच्चे का पिता भी है।

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शिकायत पर पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

जब पीड़िता ने शादी की बात की, तो सूबेदार ने उसे धमकाया। युवती जब शिकायत लेकर महिला थाने पहुंची, तो उसे और उसके परिजनों को भी धमकाया गया। थाने में रिपोर्ट तक दर्ज करने से इनकार कर दिया गया। परेशान होकर पीड़िता ने आरोपी के प्रभाव और पद का दुरुपयोग का जिक्र करते हुए एसपी को पत्र लिखा।

‘बेटी की पेटी’ में डाली शिकायत पीएम तक पहुंची 

पीड़िता ने 4 अप्रैल 2025 को छतरपुर एसपी के नाम एक पत्र लिखा और उसे स्कूल में लगे ‘बेटी की पेटी’ में डाल दिया। जिसे बाद में उसके वकील एडवोकेट दिनेश कुमार चौहान ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया। बेटी की पेटी के माध्यम से यह शिकायत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और डीजीपी तक भी पहुंच गई थी। इस पहल के तहत छात्राएं और महिलाएं गुमनाम रूप से अपनी शिकायतें भेज सकती हैं। 

यह पत्र जब अधिकारियों तक पहुंचा, तब मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सूबेदार के खिलाफ दुष्कर्म की FIR दर्ज की। महिला थाना प्रभारी सुनीता बिंदुआ ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पीड़िता के बयान दर्ज किए और सूबेदार शारदा प्रसाद यादव पर बीएनएस की धारा 69 और 351 के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोपी वर्तमान में भोपाल में पदस्थ है।

पहली शिकायत और समझौता

यह मामला पहले भी थाने तक पहुंचा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तब पीड़िता के परिजनों ने सूबेदार से 15 लाख रुपये लेकर समझौता कर लिया था। तत्कालीन महिला थाना प्रभारी ने लेनदेन की वीडियोग्राफी भी करवाई थी। अब दूसरी बार आई शिकायत आई है कि समझौते में मिली राशि को सूबेदार ने परिजनों से हड़प लिया इसके बाद पीड़िता ने फिर से शिकायत दर्ज कराई है।

महिला सुरक्षा और सिस्टम पर उठे सवाल

यह मामला एक बार फिर पुलिस महकमे की संवेदनहीनता और प्रभावशाली आरोपियों को बचाने की प्रवृत्ति को उजागर करता है। महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज न करना, पीड़िता और उसके परिवार को धमकाना, कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। 

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