मोहन सरकार शुरू करने जा रही ई-रिक्शा योजना, हजारों लोगों को मिलेगा लाभ

मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास विभाग ने मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना की शुरुआत करने जा रही है, जिसका उद्देश्य 55 साल तक के उन ऑटो रिक्शा चालकों को लाभ देना है, जिनके पास वैध लाइसेंस हैं।

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Raj Singh
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मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास विभाग ने मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना शुरू करने का फैसला किया है। यह योजना 55 साल तक के उन व्यक्तियों को लाभ देने के लिए है, जो पहले से ऑटो रिक्शा चला रहे हैं और जिनके पास वैध लाइसेंस हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में 3 हजार 500 ऑटो रिक्शा चालकों को ई-रिक्शा सुविधा से जोड़ा जाएगा। नगरीय निकायों में इसका निरंतर क्रियान्वयन 2027-28 तक किया जाएगा।

नारी सशक्तिकरण को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना में विशेष ध्यान शहरी गरीब महिलाओं पर दिया जाएगा। इस योजना से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह शासन के नारी सशक्तिकरण मिशन को भी बल प्रदान करेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण कम करना और हितग्राहियों की आय बढ़ाना है।

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ऋण सुविधा और सरकारी सब्सिडी

इस योजना के तहत लाभार्थियों को ई-रिक्शा खरीदने के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा। राज्य और केंद्र सरकार की ओर से ब्याज में सब्सिडी भी दी जाएगी। दीनदयाल जन-आजीविका मिशन-शहरी घटक के तहत 4 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा। इसके अलावा, 8% का ब्याज अनुदान केंद्र सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा। राज्य सरकार भी 5% ब्याज अनुदान प्रदान करेगी।

तय शर्तों के अनुसार होगा चयन

ई-रिक्शा योजना में लाभार्थियों के चयन के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। चयनित लाभार्थी का 18 से 55 वर्ष के बीच का होना आवश्यक है। इसके साथ ही, लाभार्थी का नगर क्षेत्र में निवास करना और वैध मोटर व्हीकल लाइसेंस होना भी अनिवार्य है। इस योजना का क्रियान्वयन जिला शहरी विकास अभिकरण के माध्यम से नगरीय निकायों द्वारा किया जाएगा।

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टॉस्क फोर्स समिति करेगी निर्णय प्रक्रिया

इस योजना के तहत आवेदन प्राप्त होने पर निर्णय प्रक्रिया के लिए टॉस्क फोर्स समिति बनाई जाएगी। परियोजना अधिकारी शहरी विकास अभिकरण समिति के अध्यक्ष होंगे, और इसमें बैंक प्रतिनिधि और योजना प्रभारी भी शामिल होंगे। बैंकों द्वारा आवेदन पत्रों का 30 दिन में निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद 15 दिनों के भीतर ऋण वितरण किया जाएगा। बैंक किसी भी प्रकार की कोलेटरल सिक्योरिटी की मांग नहीं करेंगे।

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