संजय गुप्ता, INDORE. अक्षय तृतीया 10 मई को है और इस दिन बाल विवाह ( Child marriage ) की आशंका बनी रहती है। इसी को देखते हुए कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह ने धारा 144 लगाते हुए इन्हें रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह आदेश दूसरी बार जारी हुए हैं, इसके पहले कलेक्टर पी. नरहरि के समय जारी हुए थे। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।
आयु देखेंगे फिर करेंगे विवाह आमंत्रण पत्र प्रिंट
आदेश में कहा गया है कि वर-वधु के आयु का प्रमाण प्रिटिंग प्रेस वालों के पास रहे, इसके बाद ही वह विवाह निमंत्रण पत्र प्रिंट करेंगे। विभिन्न समाजों के धर्मस्थलों के सूचना पटल पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम व सजा का उल्लेख किया जाए। बाल विवाह रोकथाम के लिए कर्मचारी/अधिकारी गांव/मोहल्लों/वार्ड के उन परिवारों में जहां बाल विवाह होने की आशंका हो, उनको समझाया जाए। यदि आवश्यक हो तो कानूनन बाल विवाह रोका जाए।
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बाल विवाह नियंत्रण में इन सभी की जिम्मेदारी
बाल विवाह अधिनियम में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के पुरूष के विवाह की मनाही है। सामूहिक विवाह कराने वाले आयोजकों को शपथ पत्र देना होगा कि वह अपने आयोजनों में बाल विवाह नहीं करेंगे। इसी तरह प्रिन्टिंग प्रेस, टेंट हाऊस, शादी के गार्डन / धर्मशाला मालिक, हलवाई, केटरर, धर्म गुरू, समाज के मुखिया, बैण्ड वाला, नाई, ब्यूटी पार्लर, ट्रांसपोर्टर इत्यादि सेवा प्रदाता भी आयु से संबंधित प्रमाण-पत्र प्राप्त कर परीक्षण करके ही सेवाएं देंगे। साथ ही अपनी संस्था में यह नोटिस चस्पा करेंगे कि लाडो अभियान में 18 वर्ष से कम उम्र की बालिका और 21 वर्ष से कम उम्र के बालक का विवाह बाल विवाह होने के कारण सेवाएं नहीं देंगे।
यहां कर सकेंगे शिकायत
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षक, कोटवार, शौर्य दल, चाईल्ड लाईन, लाडो अभियान कोर सदस्य इत्यादि की जवाबदारी निर्धारित की गई है कि क्षेत्र में कोई भी विवाह विधि अनुरूप मान्य आयु (बालक का विवाह 21 वर्ष के पूर्व व बालिका का विवाह 18 वर्ष) के पूर्व ना हो। बाल विवाह की दशा में शिकायत स्थानीय पुलिस थाना, महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों, चाईल्ड लाईन 1098 पर कराई जाएगी। अक्षय तृतीया और अन्य अवसरों पर विवाह रोकथाम अभियान के अन्तर्गत गठित दलों द्वारा सामूहिक विवाहों का निरीक्षण किया जाये एवं यदि कहीं पर बवाल विवाह होना पाया जाता है तो विधि अनुरूप कार्यवाही की जाए। सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी, पुलिस के थाना प्रभारी, पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी, महिला सशक्तिकरण/महिला बाल विकास के सभी अधिकारी इस आदेश का पालन एवं क्रियान्वयन सुनिश्चित् करेंगे।