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मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने 16 दिसंबर को डॉ. मोहन यादव की सरकार के एक साल पूरा होने पर विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। इसमें अधिक से अधिक कांग्रेसियों को लाकर माहौल बनाया जाना है और एकजुटता दिखाना है। लेकिन कांग्रेस और एकजुटता दो विरोधी ध्रुव जैसी बात रही है। ऐसा ही कुछ फिर इंदौर में दिखा। पटवारी गुरुवार को इंदौर में थे और यहां उन्होंने इंदौर से अधिक से अधिक लोगों के भोपाल आने को लेकर अपने निवास बीजलपुर में बैठक बुलाई, लेकिन ढाई सौ से ज्यादा लोग नहीं पहुंचे।
बनाए गए पदाधिकारी ही नहीं पहुंचे
वहीं हालत यह रही है कि हाल ही में उनकी ही बनाई प्रदेश स्तरीय विविध कमेटियों में नियुक्त इंदौर के पदाधिकारी नहीं पहुंचे। ना ही विविध मोर्च के पदाधिकारी, चुनाव लड़ चुके नेता भी यहां नहीं पहुंचे। अब नेताओं का तर्क यह है कि पटवारी ने केवल राऊ की बैठक बुलाई थी। जबकि ऐसा कोई संदेश ही नहीं था। राऊ वैसे भी शहरी विधानसभा में आता है। अब बात उठ रही है कि जिन्हें पटवारी ने टोका और कमेटी में जगह दी, यदि वह उनके साथ नहीं देते हुए बैठक में नहीं पहुंच रहे तो फिर क्या असल कांग्रेसियों को छोड़ दिया गया है।
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यह है कमेटी और पदों पर जो नहीं पहुंचे
जीतू पटवारी द्वारा घोषित प्रदेश स्तरीय विविध कमेटी में यह है सदस्य जो बैठक में नहीं पहुंचे थे।
- एग्जीक्यूटिव कमेटी मेंबर- सत्यनारायण पटेल
- परमानेंट इन्वाइटीज- सज्जन सिंह वर्मा, शोभा ओझा
- स्पेशल इन्वाइटीज- अश्विन जोशी, अर्चना जायसवाल, प्रमोद टंडन
- जनरल सेक्रेटरी- विनय बाकलीवाल, अभय दुबे, विपिन वानखेड़े, रघु परमार, अभय तिवारी, संजय कामले और मृणाल पंत
- पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में- बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा
- सचिव - इंदौर से अमन बजाज, अभय वर्मा, अनुरोध ललित जैन, दीपक (पिंटू) जोशी, रीना बौरासी, विनितिका यादव
- संयुक्त सचिव- जोहर मानपुरवाला।
- अनुशासन कमेटी- शेख अलीम
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ये नेता नहीं पहुंचे
कार्यवाहक अध्यक्षों की जो लंबी फौज है वह भी बैठक में नहीं पहुंची थी। प्रमोद टंडन भी बैठक में नहीं गए। केवल राकेश यादव, तेज प्रकाश राणे, मनीष मोदी के साथ ही स्थानीय बीजलपुर, राऊ के ही कार्यकर्ता और नेता मौके पर मौजूद थे। यादव ने तो यहां तक घोषणा कर दी कि जो भी प्रदर्शन के लिए भोपाल जाएगा, उसकी आने-जाने की ट्रेन टिकट इंदौर-भोपाल वह करके देंगे, उसका खर्च वह वहन करेंगे। इस पहल को पटवारी व अन्य नेताओं ने भी सराहा। वहीं इस मीटिंग में शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा भी नहीं पहुंचे थे क्योंकि वो अन्य बैठक में मौजूद थे।
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